बढ़ीं फेसबुक की मुश्किलें, अब लगा यह आरोप
न्यूयॉर्क। फेसबुक के लिए मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं। अमेरिका और ब्रिटेन के समाचार पत्रों में कैम्ब्रिज एनालिटिका स्कैंडल पर माफी मांगने के बाद सोशल नेटवर्किंग साइट अब एंड्रॉएड उपकरणों से फोन नंबर तथा टेक्स्ट मैसेज हासिल करने को लेकर सवालों के घेरे में आ गई है।
वेबसाइट ‘आरस टेक्निक’ की खबर के अनुसार फेसबुक द्वारा एकत्रित किया गया डेटा देखने पर यूजर्स ने पाया कि उसमें उनके वर्षों पुराने कॉन्टेक्ट, टेलीफोन नंबर, कॉल की अवधि और टेक्स्ट मैसेट हैं। फेसबुक ने कहा कि जानकारी सर्वर को सुरक्षित करने के लिए अपलोड की गई और यह केवल उन्हीं यूजर्स की है जिसकी उन्होंने अनुमति दी है।
प्रवक्ता ने बताया कि इस डेटा को यूजर्स के मित्रों को अथवा किसी बाहरी को न तो बेचा गया न ही किसी के साथ साझा किया गया। कंपनी ने कहा कि उसने टेक्सट मैसेज या कॉल से जुड़ी सामग्री एकत्रित नहीं की। प्रवक्ता ने कहा कि फेसबुक मैसेंजर में कॉन्टेक्ट्स की रैंकिंग के लिए (ताकि उसे ढूंढना आसान हो जाए) और कॉल करने का सुझाव देने के लिए इन जानकारियों का इस्तेमाल किया गया। (भाषा)