पाकिस्तानी जेल में टॉर्चर झेल रहे डॉ. शकील अफरीदी
रावलपिंडी। 2 मई 2011 को अमेरिकी मरीन कमांडोज ने ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान के एबटाबाद स्थित एक घर में घुसकर ढेर किया था। लेकिन क्या आपको पता है कि जिस ओसामा की तलाश वर्षों से अमेरिका अफगानिस्तान में कर रहा था, उसके एबटाबाद में होने की खबर उसे किसने दी थी। क्या आप यह जानते हैं कि वह शख्स आखिर आज कहां है और किस हाल में है?
ओसामा बिन लादेन को ढेर करने के पीछे जिस खास आदमी का नाम जुड़ा है वह पाकिस्तान का ही रहने वाला है और पेशे से डॉक्टर है। इसी आदमी ने एबटाबाद में एक फर्जी टीकाकरण अभियान शुरू किया था और ओसामा के डीएनए के लिए उसका खून का सैंपल पाने में कामयाब रहा था। इस श्ख्स का नाम डॉक्टर शकील अफरीदी है। ओसामा की मौत के बाद से ही पाकिस्तान सरकार ने इसे गिरफ्तार कर जेल में डाल रखा है।
ओसामा के खात्मे के बाद अफरीदी को तोरखम बॉर्डर पर देश छोड़कर भागने की कोशिश करते पकड़ा गया था। 23 मई 2012 को उसे देशद्रोह के आरोप में 33 वर्ष की सजा सुनाई गई थी। इस आदेश के खिलाफ अफरीदी ने ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाया जहां 29 अगस्त 2013 को इस मामले की दोबारा जांच करवाने का फरमान सुनाया गया।
इसके बाद इसी वर्ष सरकार की तरफ से अफरीदी पर अपने मरीज की हत्या का एक मुकदमा दायर कर दिया गया। अफरीदी का मामला इस बात का जीता जागता उदाहरण है कि पाकिस्तान किस तरह से आतंकियों की मदद करता है और उन्हें खत्म करने में साथ देने वालों को जेल में डाल देता है। आलम यह है कि अफरीदी को आज की तारीख में अपने वकील से भी मिलने की इजाजत नहीं है।
इतना ही नहीं अमेरिका कई बार इस बात को कह चुका है कि अफरीदी को रिहा किया जाए लेकिन पाकिस्तान हर बार इसको अपने आंतरिक मामले में हस्तक्षेप कहकर इस अपील को ठुकराता रहा है। फॉक्स न्यूज, बीबीसी की खबर के मुताबिक अफरीदी ने एक इंटरव्यू के दौरान आईएसआई द्वारा उसे प्रताड़ना दिए जाने की बात कही थी।
इसके मुताबिक उसको सिगरेट से जलाया गया और जानवरों की तरह उसे मारा गया था। जेल से अफरीदी ने फॉक्स न्यूज को यह इंटरव्यू फोन पर दिया था। इस इंटरव्यू के बाद अफरीदी की सेल के बाहर तैनात दो सुरक्षाकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इन पर अफरीदी को फोन मुहैया करवाने का आरोप था।
विदित हो कि जब ओसामा को खोजा जा रहा था तब अफरीदी ने ही ओसामा के घर का पता लगाया और इस बात की पुष्टि की थी कि ओसामा वहां पर मौजूद है। उसकी ही वजह से अमेरिका यह जान पाया था कि एबटाबाद के उस घर में कितने लोग मौजूद हैं। लेकिन आज यही शख्स की सलाखों के भीतर सड़ने को मजबूर है।
अफरीदी का समर्थन करने वाले पेशावर जेल के उप-अधीक्षक की हत्या कर दी गई। इसके अलावा उसके एक वकील की भी सरेआम हत्या कर दी गई थी। पाकिस्तान ने शकील अफरीदी पर लादेन की हत्या में मदद करने की बजाय खैबर आदिवासी क्षेत्र में आतंकियों की मदद करने, प्रतिबंधित आतंकी संगठन से जुड़ने और उसको मदद देने का आरोप लगाया है।
यह भी कहा गया है कि अफरीदी ने 2011 में करीब 25 बार विदेशी खुफिया एजेंटों से मुलाकात की और उन्हें जरूरी दस्तावेज उपलब्ध करवाए थे। अफरीदी को देश के लिए खतरा बताया गया है और वर्ष 2012 से शकील अफरीदी को अपने वकील तक से मिलने नहीं दिया जा रहा है।
जेल में उसे बस अपने परिवार से मिलने की अनुमति है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अफरीदी की केस फाइल भी दो साल से लापता है। उनके वकील का यहां तक कहना है कि अदालत में केस लड़ने के लिए सरकारी वकील भी उपलब्ध नहीं है।