विदेश में बसने की चाहत रखने वाले भारतीयों में साइप्रस हो रहा लोकप्रिय
नई दिल्ली। आवासीय संपत्ति खरीदने वालों को 6 महीने में स्थाई निवासी कार्ड जारी करने के कारण विदेश विशेषकर यूरोप में बसने की चाहत रखने वाले भारतीयों के बीच साइप्रस काफी लोकप्रिय हो रहा है और हाल के वर्षों में करीब 700 भारतीयों ने वहां रियल एस्टेट में निवेश किया है।
साइप्रस और यूनान की रियल्टी कंपनी लेप्टोस एस्टेट्स का संचालन करने वाली कंपनी लेप्टोस ग्रुफ ऑफ कंपनीज के उपाध्यक्ष पेंटेलिस लेप्टोस ने कहा कि हाल के वर्षों में पूरी दुनिया के लोग साइप्रस और यूनान में रियल्टी में निवेश कर स्थाई निवासी कार्ड हासिल कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यूनान में 2.50 लाख यूरो और साइप्रस में 3 लाख यूरो का निवेश करने वालों को स्थाई निवासी कार्ड जारी किया जाता है। साइप्रस में मात्र 6 महीने में ही यह कार्ड जारी कर दिया जाता है। यह कार्ड पूरे परिवार जिसमें माता, पिता, दादा, दादी और 28 वर्ष आयु तक के बच्चे शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि निवेश के जरिए स्थाई निवास कार्ड हासिल करने के लिए यूनान में सबसे कम 2.50 लाख यूरो की जरूरत होती है जबकि साइप्रस में न्यूनतम निवेश 2 लाख यूरो, पुर्तगाल में 3.50 लाख यूरो, स्पेन में 5 लाख यूरो और माल्टा में 6.50 लाख यूरो की जरूरत होती है।
लेप्टोस ने इसके माध्यम से साइप्रस में निवेश करने वाले भारतीय के नाम तो नहीं बताए लेकिन कहा कि कुछ हाईप्रोफाइल भारतीय अरबपतियों ने साइप्रस के लिए अपने भारतीय पासपोर्ट को छोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष करीब 30 भारतीयों ने उनकी कंपनी के माध्यम से निवेश किया है।
उन्होंने कहा कि इस योजना में निवेशकों को यूरोपीय संघ में रहने, काम करने, यात्रा करने का अधिकार मिलता है। वे कनाडा, स्विट्जरलैंड और आईसलैंड सहित दुनिया के 155 देशों में मुक्त (वीजा की शर्त नहीं) यात्रा कर सकते हैं। इस योजना से आजीवन वैधता वाला निवासी कार्ड मिलता है और निवेशक 5 वर्ष बाद अपनी संपत्ति बेच भी सकता है।