थरूर की नाराजगी के बाद कोलंबिया ने वापस लिया बयान, भारत को मिली बड़ी कूटनीतिक सफलता
कोलंबिया की उप विदेश मंत्री सुश्री रोसा योलांडा विलाविसेनियो ने आतंकवाद पर भारत को समर्थन देने का आश्वासन दिया
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने आतंकवाद पर भारत के रुख को विस्तार से बताया और पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय कार्रवाई की भी जानकारी दी। उसके बाद कोलंबिया ने अपना रुख बदला और आधिकारिक तौर पर अपना बयान वापस ले लिया।
कोलंबिया की उप विदेश मंत्री सुश्री रोसा योलांडा विलाविसेनियो ने कहा, हमें पूरा विश्वास है कि आज हमें जो स्पष्टीकरण मिला है और वास्तविक स्थिति, संघर्ष और कश्मीर में जो कुछ हुआ, उसके बारे में अब हमारे पास जो विस्तृत जानकारी है, उसके आधार पर हम बातचीत जारी रख सकते हैं।
थरूर ने इस तरह जताई थी नाराजगी : कोलंबिया की राजधानी में एक प्रेस वार्ता में थरूर ने आतंकवाद पर भारत के रुख पर विस्तार से प्रकाश डाला, ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बात की और पहलगाम आतंकवादी हमले पर कोलंबिया की प्रतिक्रिया पर निराशा जताई थी।
उन्होंने कहा कि हम कोलंबियाई सरकार की प्रतिक्रिया से थोड़े निराश हैं, जिसने आतंकवाद के पीड़ितों के प्रति सहानुभूति दिखाने के बजाय भारतीय हमलों के बाद पाकिस्तान में जान गंवाने वालों पर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के पीछे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का हाथ था। हमले में आतंकियों ने 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी। उन्होंने कहा, 'हम केवल आत्मरक्षा के अपने अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं।
यह समूह उन सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक है, जिन्हें भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अवगत कराने के लिए 33 वैश्विक राजधानियों का दौरा करने भेजा है।
पनामा से कोलंबिया पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में सरफराज अहमद (झारखंड मुक्ति मोर्चा), जीएम हरीश बालयोगी (तेलुगु देशम पार्टी), शशांक मणि त्रिपाठी (भाजपा), भुवनेश्वर कालिता (भाजपा), मिलिंद देवड़ा (शिवसेना), तेजस्वी सूर्या (भाजपा) और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू शामिल हैं। कोलंबिया से प्रतिनिधिमंडल ब्राजील जाएगा। यह पांच देशों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में अमेरिका जाएगा।