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Last Modified: वॉशिंगटन , गुरुवार, 25 अक्टूबर 2018 (20:20 IST)

बड़ा खुलासा, ट्रंप की फोन पर होने वाली बातचीत सुनते हैं चीनी और रूसी जासूस

बड़ा खुलासा, ट्रंप की फोन पर होने वाली बातचीत सुनते हैं चीनी और रूसी जासूस - Chinese and Russian Detectives listen Trump talk on phone
वॉशिंगटन। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि डोनाल्ड ट्रंप की फोन पर होने वाली बातचीत को चीनी और रूसी जासूस सुना करते हैं। वहीं, चीन ने तंज कसते हुए कहा है कि यदि ट्रंप प्रशासन एप्पल फोन से होने वाली बातचीत को सुने जाने से चिंतित है, तो उन्हें इसकी जगह हुवावे (चीनी कंपनी) का फोन रख लेना चाहिए।
 
अमेरिकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स के मुताबिक ट्रंप के सहयोगियों ने बार-बार उन्हें चेतावनी दी है कि उनका मोबाइल फोन सुरक्षित नहीं है और उन्होंने उनसे यह भी कहा है कि फोन पर होने वाली उनकी बातचीत रूसी और चीनी जासूस नियमित रूप से सुना करते हैं। व्हाइट हाउस ने इस खबर पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है।
 
वहीं, चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने इस खबर पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है कि न्यूयार्क टाइम्स को जानना चाहिए कि यदि वह इस तरह की खबर प्रकाशित करता है तो यह फेक न्यूज का एक और सबूत है। 
 
उन्होंने कहा, 'यदि वे (ट्रंप प्रशासन) एप्पल फोन से होने वाली बातचीत को सुने जाने को लेकर चिंतित हैं तो उन्हें इसकी जगह हुवावे फोन रख लेना चाहिए।' 
 
गौरतलब है कि हुवावे चीन की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी है। राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों को लेकर अमेरिकी बाजार में इस पर प्रतिबंध लगता रहा है।
 
न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक ट्रंप अपने दोस्तों से बातचीत करने के लिए आईफोन का इस्तेमाल करते हैं। बार-बार अधिकारियों के आग्रह के बाद भी वह आईफोन का इस्तेमाल बंद नहीं कर रहे। राष्ट्रपति से कई बार कहा जा चुका है कि वह ज्यादा सुरक्षित लैंडलाइन फोन का इस्तेमाल करें।
 
अखबार की खबर में अमेरिका के मौजूदा और पूर्व अधिकारियों के नाम का खुलासा किए बगैर कहा गया है, 'चीन के जासूस अक्सर ही फोन पर होने वाली इन बातचीत को सुनते हैं और इसका इस्तेमाल ट्रंप के कामकाज को बेहतर तरीके से समझने और प्रशासन की नीतियों को प्रभावित करने के लिए करते हैं।'
 
खबर के मुताबिक अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को पता चला था कि चीन और रूस राष्ट्रपति ट्रंप की फोन पर होने वाली बातचीत को अपने सूत्रों के जरिए सुन रहे थे और विदेशी अधिकारियों के बीच होने वाली बातचीत को भी सुन रहे थे। (भाषा) 
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