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Last Updated : बुधवार, 14 फ़रवरी 2024 (16:34 IST)

PM मोदी की यूएई यात्रा के दौरान 10 समझौतों पर हस्ताक्षर, आज होगा हिन्दू मंदिर का उद्घाटन

भारत और यूएई के बीच होगी द्विपक्षीय निवेश संधि

PM मोदी की यूएई यात्रा के दौरान 10 समझौतों पर हस्ताक्षर, आज होगा हिन्दू मंदिर का उद्घाटन - 10 agreements signed during Narendra Modi's UAE visit
10 agreements signed during Narendra Modi's UAE visit : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, निवेश तथा अभिलेखागार के प्रबंधन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग के लिए अबू धाबी (Abu Dhabi) में 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। मोदी बुधवार को अबू धाबी में पहले हिन्दू मंदिर का उद्घाटन करेंगे।
 
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने प्रधानमंत्री की अबू धाबी यात्रा के दूसरे दिन एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार पहले से ही 85 अरब अमेरिकी डॉलर के करीब है। यूएई भारतीय अर्थव्यवस्था में चौथा सबसे बड़ा निवेशक है। क्वात्रा ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने बड़ी ही गर्मजोशी से मंगलवार को प्रधानमंत्री का स्वागत किया। हवाई अड्डे पर भी उनका औपचारिक रूप से स्वागत किया गया।
 
समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए: उन्होंने कहा कि नेताओं ने विस्तृत प्रतिनिधिमंडल स्तर पर और प्रत्यक्ष वार्ता की जिसमें भारत तथा संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय व वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण विकास के पहलू शामिल थे। 10 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए, जो विभिन्न क्षेत्रों में भारत तथा संयुक्त अरब अमीरात के बीच संबंधों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
 
विदेश सचिव ने कहा कि पहला समझौता ज्ञापन, जिस पर हस्ताक्षर किए गए, वह बिजली संपर्क और व्यापार के क्षेत्र में सहयोग से जुड़ा था। इस विशेष एमओयू का मकसद 2 महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हमारी साझेदारी को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना है, एक ऊर्जा सुरक्षा से संबंधित और दूसरा ऊर्जा व्यापार से संबंधित है। स्वच्छ ऊर्जा व्यापार इस समझौता ज्ञापन का एक महत्वपूर्ण खंड है। यह स्वाभाविक रूप से हरित हाइड्रोजन और ऊर्जा भंडारण पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।
 
भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे पर होगा सहयोग: उन्होंने कहा कि स्वाभाविक रूप से स्वच्छ और हरित ऊर्जा के इस पूरे क्षेत्र में निवेश नीति अनुसंधान, अनुसंधान, विकास और नवाचार से संबंधित सहयोग भी इस एमओयू के तहत साझेदारी का एक महत्वपूर्ण खंड बनेगा। क्वात्रा ने कहा कि भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) के सशक्तीकरण और संचालन के लिए सहयोग से संबंधित अंतर-सरकारी रूपरेखा समझौता क्षेत्रीय संपर्क को आगे बढ़ाएगा।
 
विदेश सचिव ने कहा कि इस समझौते के तहत मुख्य क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स मंचों पर सहयोग शामिल है, जो इन विशेष गलियारों के उद्देश्यों को आगे बढ़ाता है। क्वात्रा ने कहा कि तमाम बातों के साथ यह देखना है कि आईएमईसी कितनी तेजी से संचालित होता है और इसमें शामिल पक्षों के बीच मजबूत, गहरे, अधिक व्यापक क्षेत्रीय संपर्क के मूल उद्देश्य को कितना लाभ मिलता है।
 
जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान सितंबर में नई दिल्ली में भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे की घोषणा की गई थी। आईएमईसी को चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। यह भारत, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब, जॉर्डन, इजराइल और यूरोप को जोड़ेगा।
 
डिजिटल बुनियादी ढांचा परियोजना समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर: संयुक्त अरब अमीरात के निवेश मंत्रालय और भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स तथा प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने डिजिटल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। क्वात्रा ने कहा कि डिजिटल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सहयोग पर समझौता ज्ञापन डिजिटल बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश सहयोग सहित व्यापक सहयोग के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगा। साथ ही प्रौद्योगिकी ज्ञान, कौशल और विशेषज्ञता को साझा करने की सुविधा भी प्रदान करेगा।
 
विदेश सचिव ने कहा कि सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ नियामक प्राधिकरण भी इस समझौता ज्ञापन के तहत साझेदारी बनाने की कोशिश करेंगे। यह डिजिटल स्पेस के प्रमुख क्षेत्रों पर फोकस करेगा जिसमें कम्प्यूटिंग, डिजिटल नवाचार और डेटा प्रबंधन से संबंधित मंच शामिल हैं।
 
उन्होंने भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय निवेश संधि पर कहा कि यह एक मजबूत, व्यापक निवेश साझेदारी के लिए आधार तैयार करेगी, क्योंकि यह न केवल मौजूदा निवेश की रक्षा पर केंद्रित है बल्कि दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच आगे पूंजी प्रवाह के उद्देश्य को भी आगे बढ़ाती है।
 
क्वात्रा ने कहा कि राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) के विकास पर समझौता ज्ञापन दोनों देशों के बीच जुड़ाव को बढ़ावा देगा। इसका उद्देश्य गुजरात के लोथल में समुद्री विरासत परिसर का समर्थन करना है। विदेश सचिव ने कहा कि दोनों पक्ष इस परियोजना को व्यापक रूप से विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे।
 
राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) भारत के गुजरात के भावनगर जिले में लोथल के पास एक निर्माणाधीन पर्यटन परिसर है, जो भारत की समुद्री विरासत को प्रस्तुत करेगा। इस परिसर में संग्रहालय, मनोरंजन पार्क, शैक्षणिक संस्थान, होटल और रिजॉर्ट होंगे।
 
क्वात्रा ने कहा कि भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार में सहयोग नियमों पर सहमति है। इसका उद्देश्य विशेषज्ञता, ऐतिहासिक जानकारी, खोज और अध्ययन आदि के आदान-प्रदान के माध्यम से अभिलेखागार प्रबंधन में सहयोग को बढ़ावा देना है। उन्होंने साथ ही कहा कि तत्काल भुगतान मंच (भारत का) यूपीआई और (यूएई का) एएनआई को जोड़ने संबंधी समझौते से दोनों देशों के बीच निर्बाध सीमा पार लेनदेन की सुविधा मिलेगी।
 
डेबिट/क्रेडिट कार्ड-रुपे (भारत) को जयवान (यूएई) के साथ जोड़ेंगे : क्वात्रा ने कहा कि घरेलू डेबिट/क्रेडिट कार्ड-रुपे (भारत) को जयवान (यूएई) के साथ जोड़ने पर समझौता वित्तीय क्षेत्र में सहयोग के निर्माण में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पूरे यूएई में रुपे की सार्वभौमिक स्वीकृति को बढ़ाएगा। अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आईआईटी अबू धाबी में छात्रों के पहले बैच से भी बातचीत की। उन्होंने मंगलवार शाम को जायद स्पोर्ट्स सिटी में अहलान मोदी नामक एक कार्यक्रम में भारतीय प्रवासियों की एक सभा को संबोधित भी किया।
 
मोदी बुधवार को अबू धाबी में पहले हिन्दू मंदिर का उद्घाटन करेंगे।(भाषा)(फोटो सौजन्य : ट्विटर)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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