हमारा दिमाग अपनी ही तरह का एक अत्यधिक जटिल मशीन है, जिससे जुड़े बहुत सारे तथ्य हैं जिन्हें जानकर हम आश्चर्य किए बिना नहीं रहते हैं। आइए, जानते हैं दिमाग के बारे में कुछ खास और जरूरी बातें...
* दिमाग की सबसे बड़ी खूबी है कि इसे कभी दर्द का अहसास नहीं होता क्योंकि असल में दर्द को महसूस करने के लिए दिमाग में कोई नर्व रिसेप्टर नहीं होते। इस वजह से सर्जन पेशेंट के दिमाग का ऑपरेशन तब भी कर लेते हैं जब मरीज होश में होता है। हम दर्द महसूस करते हैं नोसिसेप्टर नाम की एक नस के कारण जो रीढ़ की हड्डी से दिमाग तक जाती है और किसी तरह के खतरे का सिग्नल भेजती हैं।
* हमारे दिमाग में लाख से ज्यादा रक्त वाहिकाएं होती हैं। शरीर की 17 प्रतिशत ऊर्जा का इस्तेमाल करके और बीस प्रतिशत ऑक्सीजन को इस्तेमाल करके, दिमाग दस से 23 प्रतिशत पॉवर बनाता है। यह उर्जा इतनी होती है कि एक बल्ब जल सके। हमारे दिमाग में इतनी क्षमता है कि हम पूरे एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका को पांच गुना बढ़ जाने के बाद भी रट सकते हैं।
* जब एल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु 1955 हुई, तो डॉ थॉमस हार्वे ने उनकी मृत्यु के साढ़े सात घंटे बाद ब्रेनेक्टोमी की और उनके दिमाग को संरक्षित कर लिया। साल 1978 में एक जर्नलिस्ट स्टेसी लेवी ने जांच कर बताया कि इतने सालों बाद भी उनके संरक्षित दिमाग का कुछ हिस्सा जिंदा था और एकदम ठीक भी।
औरतों का दिमाग बड़ा होता है या मर्दों का... पढ़ें अगले पेज पर....
* दिमाग के दाएं और बाएं हिस्से के बीच के अंतर को जानते हैं? दिमाग का बायां हिस्सा हमें हर चीज को प्रैक्टिकल रूप से लेने के लिए बाध्य करता है वहीं दायां हिस्सा हमारी रचनात्मकता को पैदा करता है। ये दोनों एक साथ काम करते हैं और इससे भी बड़ी बात ये कि अगर आप अपने दिमाग का एक-चौथाई हिस्सा भी खो दें, फिर भी जीवित रह सकते हैं।
* क्या आपको पता है कि औरतों के दिमाग की तुलना में मर्दों का दिमाग दस प्रतिशत बड़ा होता है। फिर भी महिलाओं के दिमाग में रक्त कोशिकाएं और कनेक्टर्स ज्यादा होते हैं, इस वजह से वह और बेहतरी से काम कर पाती हैं। औरतों के दिमाग में भावनात्मक पहलू भी ज्यादा काम करता है वहीं पुरुषों का लॉजिकल हिस्सा ज्यादा काम करता है।
* क्या सिर के आकार का दिमाग से कोई संबंध है? ऐसा भी सोचा गया है कि क्या ऐसा वाकई है कि जिसका सिर जितना बड़ा उतना ही दिमाग भी और सिर जितना छोटा उतना ही दिमाग भी छोटा? लेकिन अब तक इन दोनों के बीच कोई ठोस संबंध नहीं निकाला जा सका है।
* क्या आप जानते हैं हम हंसते क्यों हैं? केवल इंसानों को ही यह क्षमता प्राप्त है। पर हम ऐसा क्यों करते हैं, इसके बारे में कई कारण बताए जाते हैं, कोई एक वजह नही है। हालांकि इसका दिमाग से कोई संबंध है या नहीं, पता नहीं चला।
क्या सपनों का हमारे दिमाग से कोई संबंध है... पढ़ें अगले पेज पर...
* क्या आपको पता है कि हमारा दिमाग सोने के दौरान सबसे ज्यादा सक्रिय हालत में रहता है? क्योंकि उस समय हम सपने देखते हैं। एक स्टडी के मुताबिक सपने देखने से हम खुद को किसी बड़े सदमे से बचाते हैं और यह भी पाया गया है कि जिन लोगों का आईक्यू ज्यादा होता है वह लोग सपने ज्यादा देखते हैं।
* हम सपने को वैसा मोड़ भी दे सकते हैं, जैसा कि हम चाहते हैं। ल्यूसिड ड्रीमिंग के बारे में जानते हैं? ये सपने देखने का वह तरीका होता है जिसमें इंसान पूरी तरह से नींद में नहीं रहता। वह ऐसे सपना देख रहा होता है जिसमें उसे पता रहता है कि वह सपने में है। फिर वह जो चाहे, उसे मोड़ दे सकता है।
* एल्बर्ट आइंस्टीन को ज्यादा आईक्यू के लिए दुनिया जानती है। पर किम उंगयॉन्ग को भी सबसे ज्यादा आईक्यू होने वाले लोगों में गिना जाता है। जब वह आठ महीने के थे तभी उन्होंने एलजेब्रा पर महारथ हासिल कर ली थी। दो साल की उम्र तक वह चार भाषाओं के जानकार थे। उन्होंने यूनिवर्सिटी में एंट्री ही चार साल की उम्र में ले ली और पंद्रह बरस तक ग्रेजुएट हो चुके थे। साथ ही किम एक बेहतरीन पेंटर और कवि हैं जोकि दक्षिण कोरिया में रहते हैं।