हर साल की तरह इस बार भी जनक पलटा मगिलिगन के 76 वे जन्म दिवस पर सनावादिया ग्राम की दुतानी पहाड़ी पर लगभग 100 लोगों ने उनके साथ 76 नीम के पौधे लगाए। यह पौधरोपण एक महोत्सव जैसा था जिसमे समाज के हर वर्ग के बच्चे, युवा पुरुष, महिलाएं, बुजुर्ग आसपास के गांव से इंदौर, दिल्ली, बेंगलोर से बड़े उत्साह और प्रेम से शामिल हुए। यह पौधरोपण जनक दीदी और उनके प्रकृति के प्रति प्रेम, समर्पण और सदभावना का विरला उत्सव था।
कार्यक्रम की शुरुआत में विदयावती रावत ने जनक दीदी से दीप प्रज्वलित करवाया और डॉ. भारत रावत ने शंखनाद किया। प्रिया शर्मा द्वारा बहाई प्रार्थना के बाद जनक दीदी ने ईश्वर को धन्यवाद के लिए बहाई प्रार्थना का गायन किया, अर्यमा सान्याल ने बंगला प्रार्थना अर्पित की। इसके बाद गौतम काले के संगीत गुरुकुल के शिष्यों गुरुषा हिमांशु, अमित, राजस, सागर और शुभम प्रकृति वंदन द्वारा भक्ति गीतों के बाद सभी ने सभी ने पौधे लगाए। विश्वविख्यात कार्डियोलॉजिस्ट डॉ भारत रावत रावत ने कहा 'जनक दीदी का जन्मदिवस बहुत सारे साथियों के साथ सवेरे ठीक 9.30 बजे वृक्षारोपण के साथ हर वर्ष बड़े हर्षोविलास के साथ मनाया जाता है। मुझे यह बहुत ही अच्छा लगता है। साधारण सादगी से जन्मदिन मनाना, न केक न मोमबत्ती, न कोई पार्टी, सिर्फ़ धरती को थोड़ा और हरा भरा करने का प्रयास!
पर्यावरण का हमारे स्वास्थ्य पर बहुत असर होता है। बहुत सारे दिल और फेफड़ों के रोग और कैंसर जैसी बीमारियां प्रदूषण से होती हैं। प्रदूषण कम करके हम कई बीमारियों से बच सकते हैं। शंख नाद और प्रार्थनाओं से मन और विचारों को ठीक रखने का प्रयास है। अंत में सभी मुस्कुराते हुए घर लौटे, क्योंकि रिटर्न गिफ्ट में सबको जूट के थैले दिए गए, जिन पर लिखा था 'आज आप मुस्कुराए की नहीं?'
नॉएडा से इस अवसर में शामिल हुई पूर्व एयरपोर्ट डायरेक्टर के अनुसार 'प्रकृति से हमारा जीवन है, इस को तो हम बचेंगे। जनक दीदी की प्रेरणा और मार्गदर्शन में सभी का यह सामूहिक प्रयास बहुत सराहनीय है। आज हमारी धरती ग्लोबल वार्मिंग जेसी समस्या से जूझ रही हे जिसे सुलझाने क लिए पौधे लगाना ओर पेड़ बचाना बहुत ही जरुरी है।'
डेली कॉलेज की बिसिनेस स्कूल की प्रिन्सिपल डॉ सोनल सिसोदिया का कहना है 'मुझे प्रख्यात पर्यावरणविद और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित जनक पलटा दीदी के 76वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में आयोजित वृक्षारोपण, अत्यंत प्रेरक कार्यक्रम में शामिल होने का शुभाग्य प्राप्त हुआ ! एक शिक्षाविद् के रूप में, मैं इस बात से गहराई से अवगत हूं कि प्राकृतिक दुनिया के बारे में हमारी समझ और प्रशंसा को आकार देने में ऐसे व्यक्ति महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कार्यक्रम उत्साह से भरा हुआ था और सिर्फ जश्न से परे था। छोटे और बड़े, फावड़े और उत्साह से लैस होकर, आशा, नवीनीकरण और हरियाली भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता के प्रतीक, नीम के पौधे लगाने के लिए एक साथ आए।
यह वृक्षारोपण समारोह, पर्यावरण चेतना का उत्सव, व्यक्तिगत कार्रवाई की शक्ति का प्रमाण और हरियाली भरे भविष्य की आशा का दीपक था। इस तरह के आयोजनों को हमारे शैक्षिक परिदृश्य में एकीकृत करके, हम पर्यावरण के प्रति जागरूक नागरिकों की एक पीढ़ी का पोषण कर सकते हैं, जो हमारे ग्रह के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए ज्ञान, मूल्यों और कौशल से लैस हों।'
वरिष्ठ समाजसेवी जिम्मी और जनक फाउनडेशन फॉर सस्टेनेबल देवलपमेंट के ट्रस्टी ने कहा 'सस्टेनेबल डेवलपमेंट की सोच तभी सार्थक हो सकती है जब वह हमारे नित्य प्रतिदिन के कार्यकलापों में परिलक्षित हो। जनक दीदी इसका प्रत्यक्ष रोल मोडल है। पिछले चार पांच सालों में इस नंगी पहाड़ी पर दीदी के जन्मदिन पर हम सब ने मिलकर हमने जो पौधारोपण किए और जो हरियाली अब नजर आने लगी है, एक दिन अवश्य ही हम ऐक घने जंगल के रूप में इसका आनंद ले पायेंगे।'
बेंगलोर से कस्टम और सेंट्रल एक्साइज बोर्ड के (पूर्व)अध्यक्ष श्री नजीब शाह और (पूर्व)सदस्य श्रीमति नीरजा शाह भी, इस समारोह में दो दिन यहाँ रह कर, पौधारोपण कर के गये और संदेश भेजा 'हमे गर्व है हम जनक बहनजी और उनके स्वर्गिय पति जिम्मी मगिलिगन से जुड़े है। दुनिया आप जैसे लोगो की बहुत जरूरत है।
इंदौर के जाने माने रंगकर्मी, मंच संचालक संजय पटेल सपरिवार शामिल हुए और कहा 'यहाँ पर प्रकृति की गोद में शन्ति, प्रेम, सहयोग और सद्भावना देख कर बहुत सुकून मिला।'