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Written By अनिरुद्ध जोशी
Last Updated : बुधवार, 11 जनवरी 2023 (12:16 IST)

स्वामी विवेकानंद का साहित्य और दर्शन

स्वामी विवेकानंद का साहित्य और दर्शन - Literature and Philosophy of Swami Vivekananda
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी सन्‌ 1863 को कोलकाता में हुआ। मात्र 39 वर्ष की उम्र में 4 जुलाई 1902 को उनका निधन हो गया। आओ संक्षिप्त में जानें स्वामी विवेकानंद का साहित्य और दर्शन।
 
दर्शन : विवेकानंद पर वेदांत दर्शन, बुद्ध के आष्टांगिक मार्ग और गीता के कर्मवाद का गहरा प्रभाव पड़ा। उनके दर्शन का मूल वेदांत और योग ही रहा। विवेकानंद मूर्तिपूजा को महत्व नहीं देते थे, लेकिन वे इसका विरोध भी नहीं करते थे। उनके अनुसार 'ईश्वर' निराकार है। ईश्वर सभी तत्वों में निहित एकत्व है। जगत ईश्वर की ही सृष्टि है। आत्मा का कर्त्तव्य है कि शरीर रहते ही 'आत्मा के अमरत्व' को जानना। राजयोग ही मोक्ष का मार्ग है।
 
साहित्य : विवेकानंद ने बहुत कुछ लिखा है। उन्होंने वेद, गीता, योग, राजयोग, कर्मवाद, बौद्ध धर्म, भारत, इतिहास आदि पर सैंकड़ों किताबें लिखी हैं और उनके भाषणों को भी किताब का रूप दिया गया है।