कुंभ मेले में होगा हिंदू पंचांग मतभेदों पर मंथन
इलाहाबाद में चल रहे कुंभ मेले में पंचागों एवं पंडितों की मतभिन्नता के कारण एक ही व्रत या त्योहार को दो बार मनाने पर बरसों से बाध्य देश के श्रद्धालुओं, व्रतधारियों एवं उत्सव प्रेमियों के लिए समाधान खोजा जाएगा।जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने हाल ही में अपने इंदौर प्रवास के दौरान मध्यप्रदेश ज्योतिष एवं विद्वत परिषद द्वारा सौंपे गए ज्ञापन का अध्ययन करने के बाद जनमानस की आस्था एवं श्रद्धा से जुड़े इस महत्वपूर्ण मुद्दे को प्रयाग कुंभ मेले के एजेंडे में शामिल करने के संकेत दिए हैं। परिषद के अध्यक्ष पं. रामचंद्र शर्मा ने कहा कि इस मतभिन्नता का मुख्य कारण यह है कि देश में अनेक पंचांगों का प्रकाशन हो रहा है। पंचांग हमारी संस्कृति का दर्पण है और प्रत्येक पर्व, व्रत, त्योहार एवं शुभ-मांगलिक कार्य, प्रसंगों, मुहूर्त आदि का नियमन पंचांगों से ही होता है, लेकिन पंचांगीय गणितों में मतभेद, विभिन्न राज्यों, नगरों में सूर्योदय एवं सूर्यास्त समय में अंतर, स्थानीय परंपराओं तथा विभिन्न संप्रदायों के धर्माचार्यों के निष्कर्षों में एकरुपता के अभाव के चलते लगभग रह तीज, त्योहार पर घर घर में इस बात को लेकर उहापोह बन जाती है।पंचांग के बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करें...-
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