इलाहाबाद में महाकुंभ, 82 लाख श्रद्धालुओं ने किया स्नान
संगम के तट पर 55 दिन तक चलेगा कुंभ मेला
धरती का सबसे बड़ा मेला कहा जाने वाला महाकुंभ सोमवार को सुबह यहां शुरू हो गया और मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा, यमुना तथा अदृश्य सरस्वती के संगम पर पवित्र स्नान के लिए सांधु-संतों, योगी, तपस्वियों और विभिन्न धार्मिक नेताओं सहित लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ रही। इलाहाबाद कुंभ मेले के पहले शाही स्नान के दौरान आज 82 श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान किया।महाकुंभ की खास बात :*आज एक करोड़ लोग लगाएंगे डुबकी।*इस महाकुंभ में सात-आठ करोड़ लोगों के आने का अनुमान है।*साधु-संतों के 13 अखाड़े महाकुंभ में शामिल।*58 वर्गकिलोमीटर में बसी है कुंभनगरी*15 लाख से ज्यादा संतों की संख्या।*10 हजार से ज्यादा विदेशी भक्त।*कुल 9 स्नान में से 3 शाही स्नान।*कुंभ मेला वहां लगता है जहां अमृत गिरा था।*12-12 कुंभ का एक चक्र पूरा होकर 144 वर्ष में आया महाकुंभ।*इस बार कुंभ मेला चौदह जनवरी, मकर संक्रांति से शुरू होकर पचपन दिनों यानी शिवरात्रि 10 मार्च तक चलेगा।*हिंदू धर्म शास्त्रों में प्रयाग को तीर्थराज का दर्जा होने से यहां का पूर्ण कुंभ सबसे अधिक महत्वपूर्ण और फलदायी माना जाता है।लाइव अपडेट :*शाम छह बजे : पहला शाही स्नान समाप्त। अब तक 82 लाख लोगों ने कुंभ स्नान किया। इलाहाबाद महाकुंभ के मेला कमीश्नर दिनेश चतुर्वेदी ने अखाड़ा का स्नान संपन्न होने के बाद मीडिया सेंटर में पत्रकारों को यह जानकारी दी।*पूरी तरह शांतिपूर्वक चले कुंभ स्नान में सबसे पहले महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा, फिर निरंजनी और आनंद अखाड़ा, जूना, अग्नि और आवाहन अखाड़ों ने स्नान किया। संन्यासी सात अखाड़ों के बाद दो उदासीन अखाड़े बड़ा उदासीन अखाड़ा और नया उदासीन अखाड़े ने स्नान किया। सबसे अंत में निर्मल अखाड़े ने संगम पर कुंभ स्नान किया।*शाम चार बजे : पहला शाही स्नान अब तक शांतिपूर्ण ढंग से निपटने के बाद अखाड़े और मेला प्रबंधन खुश हैं। हालांकि स्नान अभी जारी है और अभी तक कितने लोगों ने स्नान कर लिया है इसके अनुमानित आंकड़े आना भी बाकी है।* दोपहर 3 बजे तक तक 40 लाख लोग स्नान कर चुके हैं। शाही स्नान समाप्त हो गया है और सभी अखाड़े वापस अपने शिविरों में पहुंच गए हैं। अभी आम लोगों के स्नान का सिलसिला जारी है...शाम दिन ढलने तक चलेगा स्नान।*महाकुंभ के पहले दिन चारों शंकराचार्य इलाहाबाद में नहीं पहुंचे। चतुष्पद को लेकर हुए विवाद से नाराज हैं। महाकुंभ में उन्हें विशेष जगह भी नहीं मिली है। *अब तक लाखों श्रद्धालुओं के साथ महानिर्वाणी, पंचायती और जूना अखाड़े समेत पांच अखांड़ों का स्नान पूरा हो गया है। भीड़ बढ़ती ही जा रही हैं। देश-विदेश के पत्रकार और पर्यटक जहां तहां देखने को मिल जाएंगे।*सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े का जुलूस निकला और फिर अटल अखाड़े का। इसके बाद निरंजनी, आनंद, जूना, आवाह्न और अग्नि अखाड़े की बारी थी। इनके बाद निर्वाणी अणी, दिगंबर अणी, निर्मोही, नया उदासीन, बड़ा उदासीन और निर्मल अखाड़े की बारी रही। अभी निर्वाणी अखाड़े का स्नान जारी है...दो महीने तक चलने वाले इस विशाल समागम की शुरुआत 13 अखाड़ों के पहले शाही स्नान के साथ हुई। नगा साधू गाजे-बाजे और जुलूस के साथ संगम पहुंचे। उनके नेता सजे-धजे हाथियों, घोड़ों और रथों पर सवार थे।अखाड़ों को स्नान के लिए उनके जुलूस के आकार के हिसाब से 30 मिनट से एक घंटे तक का निर्धारित समय दिया गया है। प्रतिद्वंद्वी अखाड़ों के सदस्यों को एक-दूसरे के संपर्क में आने से रोकने के लिए संगम तक जाने और वहां से लौटने के लिए अलग-अलग मार्गों की व्यवस्था की गई है।यहां कल शाम से ही देशभर से श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया था। ठंडे मौसम के बावजूद लोगों का सैलाब उमड़ना जारी है। उन्हें पवित्र स्नान स्थल से कई किलोमीटर दूर ही अपने वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं और वे पैदल ही संगम तक पहुंच रहे हैं।श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए रविवार शाम से मंगलवार तक के लिए अधिकतर सड़कों पर वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गई।आयोजन का मुख्य आकर्षण ‘शाही स्नान’ आज सुबह करीब छह बजे शुरू हुआ। संगम की ओर जाते अखाड़ों के जुलूसों को देखने के लिए सड़क के दोनों ओर लोगों की भीड़ थी। लोगों की भीड़ को जुलूस से दूर रखने के लिए अवरोधक लगाए गए थे।सुरक्षाकर्मी वाच टॉवरों और सीसीटीवी कैमरों के जरिए नगा साधुओं के जुलूस पर खास नजर रखे हुए थे क्योंकि इस तरह के पिछले आयोजनो में उनके जुलूस के दौरान हिंसक झड़पें होती रही हैं।महाकुंभ हर 12 साल के अंतराल पर लगता है और यह 10 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन संपन्न होगा। प्रशासन यहां 2001 के पिछले महाकुंभ के मुकाबले इस बार तीर्थयात्रियों की संख्या में 10 प्रतिशत के इजाफे की उम्मीद कर रहा है।दस फरवरी को मौनी अमावस्या के दिन तीन करोड़ और बसंत पंचमी के मौके पर 15 फरवरी को 1.9 करोड़ श्रद्धालुओं के इलाहाबाद पहुंचने की उम्मीद की जा रही है।दलाई लामा, श्रीश्री रविशंकर, बाबा रामदेव और आसाराम जैसे आध्यात्मिक नेताओं ने भी महाकुंभ में पहुंचने की योजना बनाई है। लोगों की भीड़, नगा संन्यासियों की मौजूदगी और जाने माने गुरुओं के दौरे के चलते पुलिस और प्रशासन पर भारी दबाव है। हाल के वर्ष में आतंकी हमलों की आशंका ने भी चुनौतियां बढ़ाई हैं।पुलिस महानिरीक्षक (इलाहाबाद) आलोक शर्मा महाकुंभ सुरक्षा प्रबंधों के नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। उनके अनुसार रैपिड एक्शन फोर्स और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल सहित केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के सात हजार से अधिक कर्मी तैनात किए गए हैं। (भाषा)