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Written By WD

मुंबई में लीजिए शिमला का मजा

मुंबई
- चंद्रकांत शिंदे

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चारों तरफ बर्फ। आपने ओवरकोट पहना है, ठंड से बचने के लिए हाथों में दस्ताने और पैरों में बड़े जूते हैं। आप बर्फ पर ही बैठे हैं और ऐसे में आपके सामने जली हुई सिगड़ी पर रेशमी कबाब और बर्फ से बने गिलास में ड्रिंक दिया जाए तो आपको कैसा लगेगा?

आप कहेंगे यह कैसे संभव है? बर्फीले इलाके में इस तरह की सेवा कौन देगा? आपका कहना सही है, बर्फीले इलाके में पर्यटकों को ऐसी सुविधा कोई नहीं दे सकता लेकिन आपके ही शहर में यह सेवा उपलब्ध होगी तो आप क्या कहेंगे?

मुंबई में देश का पहला ऐसा आइस बार बनाया गया है जहाँ चारों तरफ सिर्फ बर्फ ही बर्फ है। इतना ही नहीं, आप जिस टेबल पर बैठेंगे वह टेबल भी बर्फ का ही है और आप जिस प्लेट में खाना खाएँगे और जिस गिलास में ड्रिंक लेंगे वह भी बर्फ का ही है। अंधेरी के ओशिवरा इलाके में 21 फैरनहीट नाम से देश का पहला आइस बार बनाया गया है। विश्व में इस तरह के आइस बार कुछ जगह पर हैं लेकिन देश में यह पहला ही है।

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इस होटल में प्रवेश करते ही आपको ओवरकोट, दस्ताने और जूते दिए जाते हैं। उन्हें पहनकर ही आपको माइनस 6 डिग्री सेल्सियम भरे माहौल में प्रवेश करना होता है। अंदर नीले और लाल रंग की लाइट से सजी बर्फ की दुनिया में प्रवेश करते ही लगता है हम अंटार्कटिका पहुँच गए हैं। आइस बार का पूरा इंटीरियर बर्फ से ही बनाया गया है।

अंदर जाते ही बार टेंडर आपका स्वागत करता है। बर्फ से बने गिलास में आपको मॉकटेल्स से लेकर कॉकटेल्स तक जो चाहे सर्व किया जाता है। खाने में वेजीटेरियन और नॉन वेजिटेरियन डिशेस हैं जिनमें सुशी से लेकर कबाब, चिकन, मटन तक सब कुछ मुहैया कराया जाता है।

बर्फ से बनी कुर्सियों पर आप बैठ जाएँ और बर्फ से बने टेबल पर खाना खाइए। जब आप कोई आर्डर देते हैं तो सिगड़ी पर गरम गरम डिश पेश की जाती है जिसे आपको पंद्रह मिनट के अंदर खत्म करना होता है वरना खाना ठंडा हो जाएगा। तेज संगीत और डिस्को लाइट में यहाँ पर डांस भी किया जा सकता है। इस माहौल में कोई भी 30 से 45 मिनट से ज्यादा नहीं रह सकता।

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इस अनोखे आइस बार का निर्माण हेसिंथ लाइफस्टाइल ने किया है। कंपनी के सीईओ वैभव तांडेल ने बताया, 'देश में इस तरह के अनोखे होटलों को हम शुरू करना चाहते हैं और आइस बार इसी नतीजे का प्रयास है। देश का यह पहला आइस बार है जो 24 घंटे खुला रहेगा।

इस आइस बार में आने वाले ग्राहकों को हम हमेशा कुछ न कुछ नया देने की कोशिश करेंगे फिर वह खाने की डिश हो या इंटीरियर। देश के लोगों को अंतर्राष्ट्रीय दर्जे का बार देने की हमारी कोशिश है और हमें लगता है कि हम इसमें अवश्य सफल होंगे। यहां हर कोई एक बार तो अवश्य आना चाहेगा।'

कुछ वर्ष पहले वी. शांताराम के दादर स्थित सिनेमाघर प्लाजा में फिल्म के शो के पहले और बाद में दर्शकों के लिए खाना परोसने की शुरुआत की थी। विनायक मयेकर जब सिनेमाघर का काम संभालते थे उस वक्त वह क्रिसमस के मौके पर बच्चों के लिए फिल्म महोत्सव का आयोजन करते थे।

बच्चों के साथ आए माता-पिता को दोपहर के शो के बाद और रात के शो के पहले टिकट में ही 25 रुपए ज्यादा लेकर टेरेस पर वेजीटेरियन खाना देने की शुरुआत की गई थी। दर्शकों का इसे अच्छा खासा प्रतिसाद मिला था जिसके बाद उन्होंने रेग्युलर शो में भी इसकी शुरुआत की थी। कुछ महीने बाद इसे बंद कर दिया गया।

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इस अनोखे आइस बार की तरह ही मुंबई में बिग सिनेमाज ने एक ऐसा सिनेमाघर शुरू किया है जहाँ पर आप आपकी मनपसंद फिल्म देखते-देखते खाना भी खा सकते हैं। इस तरह का यह विश्व का पहला सिनेमाघर है। घर पर जिस तरह नौकर आपको खाना परोसते हैं उसी तरह यहाँ बैरे आपको बीच-बीच में आकर खाना परोसेंगे।

घाटकोपर के आर सिटी मॉल में बिग सिनेमाज है जहाँ कुल दस सिनेमाघर हैं जिनमें से एक यह अनोखा सिनेमाघर सिनेडाइन है। फिल्म शुरू होने के पहले आपके सामने मेन्यू कार्ड रखा जाता है। आप डिश सिलेक्ट कीजिए। स्टार्टर से लेकर पॉपकॉर्न और कोल्डड्रिंक्स तक सब कुछ आपको टेबल पर सर्व किया जाएगा।

फिल्म शुरू होने के बाद टेबल पर और साइड में लगे एलईडी लाइट के उजाले में आप खाना खा सकते हैं और फिल्म देखने का मजा भी ले सकते हैं। इस अनोखे सिनेमाघर में एक समय में 32 लोग बैठ सकते हैं। बिग सिनेमाज के सीईओ तुषार धिंगरा ने बताया कि मनोरंजन को एक नया आयाम देने की कोशिश हम कर रहे हैं।

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फिल्म देखने आए दर्शक फिल्म देखने के बाद खाना खाने जाते हैं या कुछ खाना खाकर आते हैं। दर्शकों का समय बचाने के लिए ही हमने इस तरह का विश्व का पहला सिनेमाघर तैयार किया है। जहाँ हमारे विशेष रसोईघर में बनाया गया खाना परोसा जाता है।

यहाँ हम फिल्म के हिसाब से मैन्यु तैयार करते हैं। 'दिल बोलो हडि़प्पा' के समय हमने पंजाबी खाना रखा था और 'वेक अप सिद' के वक्त युवाओं की पसंद वाला खाना। ग्राहकों को अपनी पसंद की दो डिश चुननी होती है।

इस सिनेमाघर में दो, चार, छह और आठ सीटों वाले टेबल की व्यवस्था है। टेबल पर बेल भी रखी होती है, जिसे दबाने से बैरा तुरंत आकर आर्डर ले लेता है। इसके लिए प्रति व्यक्ति पाँच सौ रुपए लिए जाते हैं। तीन सौ रुपए सिनेमा टिकट के और दो सौ रुपए खाने के।

पॉपकार्न और सॉफ्ट ड्रिंक के पैसे अलग से लगते हैं। जिस परिवार में छोटे बच्चे हैं उनके लिए यहाँ पर किड्स जोन-मिसचिफ भी बनाया गया है, जहाँ बच्चों के मनोरंजन के कई साधन है। इनमें कॉमिक्स किताबों के साथ पाँच जोन है, जहाँ अलग-अलग प्रकार के खिलौने हैं। प्रति बच्चे यहाँ पर सौ रुपए लिए जाते हैं। बच्चों को संभालने के लिए प्रशिक्षित लोग भी रखे गए हैं। बच्चों को यहाँ छोड़कर माता-पिता आराम से फिल्म देख सकते हैं।