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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 23 अगस्त 2024 (11:06 IST)

National Space Day: राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस क्यों मनाया जाता है, जानें महत्व और 2024 की थीम

National Space Day: राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस क्यों मनाया जाता है, जानें महत्व और 2024 की थीम - Today National Space Day
National Space Day 2024
 
Highlights 
 
क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस।
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस आज।
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग।
 
भारत आज पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मना रहा है। 23 अगस्त यानी यह वही दिन था, जब भारत में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष अभियान में बड़ी छलांग लगाते हुए चंद्र मिशन 'चंद्रयान-3' चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारा था जिससे देश चांद के इस क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला तथा चंद्र सतह पर सफल 'सॉफ्ट लैंडिंग' करने वाला दुनिया का चौथा देश बना था। इसलिए भारत आज दिन शुक्रवार, 23 अगस्त 2024 को दिल्ली के 'भारत मंडपम्' में अपना पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने जा रहा है।
 
आपको बता दें कि बीते साल यानी वर्ष 2023 में चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा की थी कि चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडिंग स्थल का नाम 'शिवशक्ति' प्वॉइंट रखा जाएगा तथा वर्ष 2019 में चंद्रमा की सतह पर जिस स्थान पर चंद्रयान-2 ने अपने पदचिह्न छोड़े थे, उसे 'तिरंगा' प्वॉइंट के नाम से जाना जाएगा। और विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद प्रज्ञान रोवर ने चांद की सतह पर भ्रमण किया था। तथा अब 23 अगस्त का दिन 'राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस' के रूप में मनाया जाएगा अर्थात् इस दिन को भारत देश स्पेस डे मनाएगा।
 
अत: आज 23 अगस्त को भारत में पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया जा रहा है और यह दिन वर्ष 2023 में चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग के 1 साल पूरे होने का प्रतीक है तथा भारत ऐसा करने वाला एकमात्र देश भी बन गया है।
 
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2024 की थीम : National Space Day 2024 
 
इस बार राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2024 का विषय या थीम- 'चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा' (Touching lives while touching the moon: India's space story) रखी गई है जिसका उद्देश्य समाज पर अंतरिक्ष अन्वेषण के व्यापक प्रभाव पर प्रकाश डालना और इस बात पर बल देना है कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में प्रगति कैसे पृथ्वी पर जीवन की गुणवत्ता को बढ़ा सकती है। इस पर ध्यान केंद्रित करना भी है। 

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