गर्मी में राहत का फल 'बेल'
शीतल फल के लाभदायक नुस्खे
अर्चना जैन हमारे देश में बेल को एक पवित्र फल माना गया है, क्योंकि यह भगवान शिव को चढ़ाई जाने वाली सामग्री में से एक है। इस फल को संस्कृत में बिल्व, शैलूष व श्रीफल कहते हैं। हिन्दी में इसे शिवफल, बेल, बिल्ला आदि नामों से जाना जाता है। इस अकेले फल में हजार तरह के गुण छिपे हैं, जो कई रोगों के लिए लाभप्रद है, जैसे-*गर्मियों में लू लगने पर इस फल का शर्बत पीने से शीघ्र आराम मिलता है तथा तपते शरीर की गर्मी भी दूर होती है।*पुराने से पुराने आँव रोग से छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन अधकच्चे बेलफल का सेवन करें।*पके बेल में चिपचिपापन होता है इसलिए यह डायरिया रोग में काफी लाभप्रद है। यह फल पाचक होने के साथ-साथ बलवर्द्धक भी है। *पके फल के सेवन से वात-कफ का शमन होता है। *आँख में दर्द होने पर बेल के पत्त्तों की लुगदी आँख पर बाँधने से काफी आराम मिलता है। *कई मर्तबा गर्मियों में आँखें लाल-लाल हो जाती हैं तथा जलने लगती हैं। ऐसी स्थिति में बेल के पत्तों का रस एक-एक बूँद आँख में डालना चाहिए। लाली व जलन शीघ्र दूर हो जाएगी।*बच्चों के पेट में कीड़े हों तो इस फल के पत्तों का अर्क निकालकर पिलाना चाहिए। *बेल की छाल का काढ़ा पीने से अतिसार रोग में राहत मिलती है। *इसके पके फल को शहद व मिश्री के साथ चाटने से शरीर के खून का रंग साफ होता है, खून में भी वृद्धि होती है। *बेल के गूदे को खांड के साथ खाने से संग्रहणी रोग में राहत मिलती है। *पके बेल का शर्बत पीने से पेट साफ रहता है। *बेल का मुरब्बा शरीर की शक्ति बढ़ाता है तथा सभी उदर विकारों से छुटकारा भी दिलाता है। *गर्मियों में गर्भवती स्त्रियों का जी मिचलाने लगे तो बेल और सौंठ का काढ़ा दो चम्मच पिलाना चाहिए। *पके बेल के गूदे में काली मिर्च, सेंधा नमक मिलाकर खाने से आवाज भी सुरीली होती है। *छोटे बच्चों को प्रतिदिन एक चम्मच पका बेल खिलाने से शरीर की हड्डियाँ मजबूत होती हैं।