होली जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे इसकी खुमारी भी चढ़ने लगी है। पिचकारियां, रंग और व्यंजन माहौल को खुशनुमा बना रहे हैं। रंगों के इस पर्व के लिए महिलाओं की तैयारियां भी जोर पकड़ने लगी है।
त्योहार से जुड़ी हर रस्म का पालन करने में किसी तरह की कोई चूक न हो इसका ध्यान भी वे रख रही हैं। इसी के चलते महिलाएं त्योहार के चार दिन पहले से ही किचन में व्यस्त हो जाती हैं।
महिलाएं परिवार के हर सदस्य के पसंदीदा पकवान की फेहरिस्त में शामिल हो चुकी है। होली में रंग खेलने के साथ ही स्वादिष्ट पकवानों का होना बेहद जरूरी है। तभी तो फैमिली के हर मेम्बर ने अपनी फरमाइश पहले से ही बता दी है।
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इसलिए कोई मीठे में गुलाब जामुन, गुजिया व नारियल के लड्डू बना रही हैं। वहीं नमकीन में मठरी, मराठी चिवड़ा बना ही रही है। साथ ही खास होली के दिन दही बड़े और ढोकला तो अभी बाकी है। महिलाएं होली के दिन ही यह पकवान बनाएंगी ताकि मेहमानों को तुरंत गरमा-गरम सर्व कर सकें।
होली के त्योहार के साथ कई तरह की रस्में जुड़ी हुई हैं। उन नियमों के पालन की तैयारियां भी अभी से शुरू हो रही है। गांव की महिलाएं गोबर का बल्ला तैयार कर रही हैं। इसका उपयोग होलिका दहन की पूजा के लिए होता है। वे कहती हैं कि बुराइयों के अंत के लिए किए जाने वाले होलिका दहन में पूरे रीति-रिवाज के साथ पूजा होती है और इन गोबर के बल्ले का माला बनाकर होली का दहन के दौरान अर्पित किया जाएगा।
साथ ही किचन में विभिन्न व्यंजनों की महक घुलने को बेताब है। गुजिया, कचौरी और मठरी के साथ-साथ गरमा-गरम नाश्ते के लिए मेन्यू भी डिसाइड किए जा रहे है।