बुधवार, 24 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. अन्य खेल
  3. हॉकी विश्व कप 2023
  4. Former Indian coach points tactical unawareness & lack of club culture for early exit in HWC
Written By
Last Updated : गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023 (16:53 IST)

पूर्व भारतीय हॉकी कोच ने विश्वकप से जल्द बाहर होने के गिनाए 2 बड़े कारण

पूर्व भारतीय हॉकी कोच ने विश्वकप से जल्द बाहर होने के गिनाए 2 बड़े कारण - Former Indian coach points tactical unawareness & lack of club culture for early exit in HWC
भुवनेश्वर:  भारत के पूर्व पुरुष हॉकी मुख्य कोच रोलेंट ओल्टमेंस ने एफआईएच पुरुष विश्व कप के मौजूदा सत्र में भारत के जल्दी बाहर होने के पर रणनीतिक जागरूकता की कमी और क्लब संस्कृति की गैर-मौजूदगी को जिम्मेदार ठहराया है।
 
भारतीय टीम न्यूजीलैंड से क्रॉसओवर मैच में सडन डेथ में 4-5 से पिछड़ने के बाद क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने में चूक गयी थी।भारत के वर्तमान मुख्य कोच ग्राहम रीड ने भी हॉकी इंडिया लीग (HIL) के 2017 में समाप्त हो जाने के बाद क्लब संस्कृति की कमी के बारे में चिंता व्यक्त की थी।
 
भारतीय टीम के साथ 2015 से 2017 तक मुख्य कोच के तौर पर जुड़े रहे ओल्टमेंस ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘ भारत में कोई क्लब संस्कृति नहीं है, यह निश्चित तौर पर टूर्नामेंट से बाहर होने का एक कारण है। खिलाड़ियों को खेल जारी रखने की जरूरत होती है जिसका और क्लब स्तर के मैचों की गैरमौजूदगी में इसकी कमी रही।’’
 
साल 2013 से 2015 तक भारतीय हॉकी के हाई परफार्मेंस निदेशक रहे नीदरलैंड के इस कोच ने कहा, ‘‘ इसमें कोई शक नहीं कि ये भारतीय शानदार हॉकी खिलाड़ी हैं। लेकिन आपको यह जानने की जरूरत है कि खेल के किस क्षण क्या करना है। अगर अचानक, आप 10 खिलाड़ियों के खिलाफ खेल रहे है तो क्या करना है यह समझना होगा।’’
 
न्यूजीलैंड के खिलाफ चौथे क्वार्टर में स्कोर 3-3 से बराबर होने के बाद, निक रॉस को 53वें मिनट में पीला कार्ड मिला और वह पांच मिनट के लिए  मैच से निलंबित हो गये।  भारतीय टीम इसका फायदा उठाने में नाकाम रही और पेनल्टी शूटआउट में मैच गंवा बैठी।
रियो ओलंपिक में भारतीय टीम के मुख्य कोच रहे ओल्टमेंस ने कहा, ‘‘ मैच खत्म होने से पहले भारत के पास पांच मिनट का समय था जब न्यूजीलैंड का एक खिलाड़ी मैदान से बाहर था। ऐसे समय में भारत क्या कर रहा था? आपको रणनीतिक खेल खेलने और योजनाओं को ठीक से लागू करने की जरूरत है। ’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘ जर्मनी की टीम ने आखिरी तीन मिनट में दो गोल किये (इंग्लैंड के खिलाफ) और भारत को कुछ ऐसा करने पर मेहनत करने की जरूरत है।’’
 
ओल्टमेंस इस बात से हैरान थे कि भारत के पास मेंटल-कंडीशनिंग (मानसिक अनूकुलन) कोच नहीं है। उन्होंने कहा कि जब वह टीम की जिम्मेदारी संभाल रहे थे तब बेंगलुरु में भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) केंद्र एक मनोवैज्ञानिक टीम के साथ था।
 
उन्होंने कहा, ‘‘बिल्कुल, इससे (मेंटल कंडीशनिंग कोच होने से) फर्क पड़ता है। जब मैं (रियो) ओलंपिक से पहले मुख्य कोच था, तो मेरे स्टाफ में एक मनोवैज्ञानिक था। यह कमोबेश मेंटल कंडीशनिंग कोच की तरह ही है।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘खेल के शारीरिक चीजों के लिए हमारे पास शारीरिक प्रशिक्षण है, खेल के रणनीतिक भाग के लिए, हमारे पास रणनीतिक प्रशिक्षण है, कौशल प्रशिक्षण के लिए हमारे पास ड्रैग-फ्लिक ट्रेनर हैं। लेकिन मानसिक पहलू ने एक बड़ा अंतर डाला और वहां हमारे पास कोई ट्रेनर नहीं है। यह अजीब है।’’
उन्होंने कहा कि कप्तान हरमनप्रीत सिंह पर बहुत अधिक जिम्मेदारियां थी और हो सकता है कि इससे  विश्व कप में उनके प्रदर्शन पर असर पड़ा। हरमनप्रीत को अपनी ड्रैग-फ्लिक से गोल करने में संघर्ष करना पड़ा, जिसे भारत के टूर्नामेंट से जल्दी बाहर होने का एक अहम कारण माना जा रहा है।
 
ओल्टमेंस ने कहा, ‘‘एक टीम में, आप हमेशा जानते हैं कि आपका नेतृत्व कौन कर रहा है। दुनिया हरमनप्रीत के खेल को 2016 के जूनियर विश्व कप के बाद से देख रही है। अब हम 2023 के बारे में बात कर रहे हैं। इन वर्षों में उन्होंने दिखाया है कि वह एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं।’’
 
पूर्व कोच ने कहा, ‘‘वह (हरमनप्रीत) डिफेंस का नेतृत्व कर रहा है और वह मुख्य पेनल्टी-कॉर्नर लेने वाला है। हम उसे एक ही समय में इतनी सारी जिम्मेदारियां देना चाहते हैं। मुझे यकीन है कि उसके पास टीम का नेतृत्व करने के गुण हैं, लेकिन बहुत अधिक ज़िम्मेदारियां खेल को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि मुझे पता है कि वह तनावपूर्ण परिस्थितियों में काफी शांत और तनाव मुक्त खिलाड़ी हैं।"(भाषा)
ये भी पढ़ें
शाहीन अफरीदी ने तेज तर्रार गेंदबाजी का वीडियो शेयर कर कहा 'हार मान ली थी तब'