ज्येष्ठ माह का धार्मिक महत्व और सेहत लाभ
Jyeshtha month fasting and health benefits: ज्येष्ठ माह हिंदू पंचांग के अनुसार साल का तीसरा महीना होता है, जो मई-जून के बीच आता है। इस बार यह माह 13 मई सोमवार से प्रारंभ हो चुका है। यह माह विशेष रूप से धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस महीने के पहले दिन से ही कई व्रत, त्योहार और धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, जो जीवन में समृद्धि और शांति लाने का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
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ज्येष्ठ माह का प्रारंभ: ज्येष्ठ माह का प्रारंभ वैशाख मास की पूर्णिमा के बाद होता है। यह माह गर्मी के मौसम के बीच आता है, इसलिए इसे उष्णता और तीव्रता का माह माना जाता है। इस माह में कई खास व्रत और त्योहार होते हैं, जैसे निर्जला एकादशी, वट सावित्री व्रत, गंगा दशहरा, और बड़ा मंगल।
ज्येष्ठ माह का महत्व:
1. धार्मिक महत्व:
ज्येष्ठ माह का धार्मिक महत्व खासतौर पर व्रत और उपवासों के संदर्भ में है। इस माह में हनुमान जी, शिव जी, और विष्णु जी की पूजा का विशेष महत्व होता है। विशेषकर बड़ा मंगल, निर्जला एकादशी और गंगा दशहरा जैसे व्रतों के द्वारा व्यक्ति को धार्मिक आशीर्वाद मिलता है।
2. स्वास्थ्य लाभ:
गर्मी के मौसम में पानी और ठंडक की महत्ता अधिक होती है। ज्येष्ठ माह में निर्जला एकादशी जैसे व्रत से शारीरिक और मानसिक शांति प्राप्त होती है। साथ ही, इस माह में गंगा दशहरा जैसे अवसरों पर गंगा में स्नान करके शुद्धि की जाती है। इस माह में किए गए व्रत, पूजा और उपाय व्यक्ति को धार्मिक आशीर्वाद, शारीरिक स्वस्थ्य, और मानसिक शांति प्रदान करते हैं।
3. कर्मों का प्रभाव:
ज्येष्ठ माह में किए गए व्रत और उपायों का विशेष फल मिलता है, क्योंकि इस समय सूर्य की प्रखरता अधिक होती है और यह ऊर्जा के स्तर को प्रभावित करता है। इस माह में की गई पूजा और तपस्या से पुण्य प्राप्ति होती है।
ज्येष्ठ माह को एक अत्यधिक शुभ और लाभकारी माह माना जाता है। अगर आप इस माह में विशेष व्रत करते हैं, तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं और आप जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
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