गुरुवार, 26 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. हिन्दू धर्म
  4. Rang Panchami Hindu festival
Written By

हम रंगपंचमी क्यों मनाते हैं? पढ़ें पौराणिक जानकारी

हम रंगपंचमी क्यों मनाते हैं? पढ़ें पौराणिक जानकारी - Rang Panchami Hindu festival
rangpanchami 2023 
 
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार होली ब्रह्मांड का एक तेजोत्सव है। तेजोत्सव से, अर्थात विविध तेजोत्सव तरंगों के भ्रमण से ब्रह्मांड में अनेक रंग आवश्यकता के अनुसार साकार होते हैं तथा संबंधित घटक के कार्य के लिए पूरक व पोषक वातावरण की निर्मित करते हैं।
 
शास्त्रों के अनुसार त्रेतायुग के प्रारंभ में श्रीहरि विष्णु ने धूलि वंदन किया, इसका अर्थ यह है कि 'उस युग में श्री विष्णु ने अलग-अलग तेजोमय रंगों से अवतार कार्य का आरंभ किया। त्रेतायुग में अवतार निर्मित होने पर उसे तेजोमय अर्थात विविध रंगों की सहायता से दर्शन रूप में वर्णित किया गया है।' 
 
यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं रंगपंचमी (rangpanchami 2023) से संबंधित पौराणिक जानकारी।
 
Gulal गुलाल :आज्ञाचक्र पर गुलाल लगाना, पिंड बीज के शिव को शक्ति तत्व का योग देने का प्रतीक है। गुलाल से प्रक्षेपित पृथ्वी व आप तत्व की तरंगों के कारण देह की सात्विक तरंगों को ग्रहण करने में देह की क्षमता बढ़ती है। आज्ञा चक्र से ग्रहण होने वाला शक्तिरूपी चैतन्य संपूर्ण देह में संक्रमित होता है। इससे वायुमंडल में भ्रमण करने वाली चैतन्य तरंगें ग्रहण करने की क्षमता बढ़ती है। इस विधि द्वारा जीव चैतन्य के स्तर पर अधिक संस्कारक्षम बनता है।
 
वायुमंडल : नारियल के माध्यम से वायुमंडल के कष्टदायक स्पंदनों को खींचकर, उसके बाद उसे होली के पांचवें दिन (रंगपंचमी) की अग्नि में डाला जाता है। इस कारण नारियल में संक्रमित हुए कष्टदायक स्पंदन होली की तेजोमय शक्ति की सहायता से नष्ट होते हैं व वायुमंडल की शुद्धि होती है।
 
rangpanchami रंगपंचमी : रंगपंचमी के दिन कई स्थानों पर एक-दूसरे के शरीर पर रंग व गुलाल डालकर पर्व मनाया जाता है। होली के दिन प्रदीप्त हुई अग्नि को पांच दिन निरंतर जलाने से वायुमंडल के रज-तम कणों का विघटन होता है।

ब्रह्मांड में संबंधित देवता का रंग रूपी सगुण तत्व कार्यानुमेय संबंधित विभिन्न स्तरों पर अवतरित होता है व उसका आनंद एक प्रकार से रंग उड़ा कर मनाया जाता है। इस दिन खेली जाने वाली रंगपंचमी, विजयोत्सव का अर्थात रज-तम के विघटन से अनिष्ट शक्तियों के उच्चाटन व कार्य की समाप्ति का प्रतीक है।
 
Rang Kano Se Aakarshit Divya Tatva रंग कणों से आकर्षित दिव्य तत्व : इस दिन वायुमंडल में उड़ाए जाने वाले विभिन्न रंगों के रंग कणों की ओर विभिन्न देवताओं के तत्व आकर्षित होते हैं। ब्रह्मांड में कार्यरत सकारात्मक तरंगों के संयोग से होकर जीव को देवता के स्पर्श की अनुभूति देकर देवता के तत्व का लाभ मिलता है। चैत्र कृष्ण पंचमी को खेली जाने वाली रंगपंचमी आह्वान करने के लिए होती है। यह सगुण आराधना का भाग है।

ब्रह्मांड के तेजोमय सगुण रंगों का पंचम स्रोत सक्रिय कर देवता के विभिन्न तत्वों की अनुभूति लेकर उन रंगों की ओर आकृष्ट हुए देवता के तत्व के स्पर्श की अनुभूति लेना, रंगपंचमी का उद्देश्य है। पंचम स्रोत अर्थात पंच तत्वों की सहायता से जीव के भाव अनुसार विभिन्न स्तरों पर ब्रह्मांड में प्रकट होने वाले देवता का कार्यरत स्रोत। रंगपंचमी देवता के तारक कार्य का प्रतीक है।

rangpanchami 2023 

- बेनीसिंह रघुवंशी