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Written By WD Feature Desk
Last Modified: बुधवार, 26 फ़रवरी 2025 (12:58 IST)

बाबा खाटू श्याम जी का मेला कब लगेगा, इंदौर से कैसे जाएं इस धाम पर?

Khatu Shyam mela
खाटूश्याम जी का जन्मोत्सव हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। जबकि कहते हैं कि जब बर्बरीक से श्रीकृष्ण ने शीश मांगा तो बर्बरीक ने रातभर भजन किया और फाल्गुन शुक्ल द्वादशी को स्नान करके पूजा की और अपने हाथ से अपना शीश काटकर श्रीकृष्ण को दान कर दिया। इसी दिन की याद में इसी दिन की तिथि को मेला लगता है। अंग्रेंजी कैलेंडर के अनुसार इस बार यह मेला 28 फरवरी से प्रारंभ होकर 11 मार्च तक आयोजित किया जा रहा है।ALSO READ: खाटू श्याम बाबा की कहानी: रोंगटे खड़े कर देने वाली रहस्यमयी कथा
 
कौन हैं खाटू श्याम जी: खाटू श्याम अर्थात मां सैव्यम पराजित:। अर्थात जो हारे हुए और निराश लोगों को संबल प्रदान करता है। भगवान श्रीकृष्ण के वरदान के चलते कलियुग में आज भीम के पुत्र घटोत्कच और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक को ही खाटू श्यामजी के नाम से पूजा जाता है।
 
कहां है परमधाम खाटू श्याम: राजस्थान के शेखावाटी के सीकर जिले में स्थित है परमधाम खाटू। यहां विराजित हैं भगवान श्रीकृष्ण के कलयुगी अवतार खाटू श्यामजी। श्याम बाबा की महिमा का बखान करने वाले भक्त राजस्थान या भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कोने-कोने में मौजूद हैं।
 
बहुत प्राचीन मंदिर: खाटू का श्याम मंदिर बहुत ही प्राचीन है, लेकिन वर्तमान मं‍दिर की आधारशिला सन 1720 में रखी गई थी। इतिहासकार पंडित झाबरमल्ल शर्मा के मुताबिक सन 1679 में औरंगजेब की सेना ने इस मंदिर को नष्ट कर दिया था। मंदिर की रक्षा के लिए उस समय अनेक राजपूतों ने अपना प्राणोत्सर्ग किया था।
 
यहां लगता है मेला: इसी मंदिर परिसर में लगता है बाबा खाटू श्याम का प्रसिद्ध मेला। हिन्दू मास फाल्गुन माह शुक्ल षष्ठी से बारस तक यह मेला चलता है। ग्यारस के दिन मेले का खास दिन रहता है। राजस्थान के सीकर जिले के खाटूधाम में भरने वाले बाबा श्याम के इस वार्षिक मेले में तकरीबन 20-30 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। ALSO READ: Khatu Syam Baba : श्याम बाबा को क्यों कहते हैं- 'हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा'
 
निशान यात्रा: हर जगह से श्रद्धालु खाटू नगरी में बाबा के दर्शन के लिए आते हैं जिनमें कुछ श्रद्धालु रिंगस से पदयात्रा के सात निशान यात्रा करते हुए बाबा के धाम पहुंचते हैं। निशान यात्रा करते समय भक्तगण बाबा खाटूश्याम जी का ध्वजा/नारियल के साथ-साथ बाबा जी की झांकी भी निकालते हैं।
Khatu Shyam Baba
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन: बाबा के दर्शनों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। संपूर्ण मेला क्षेत्र 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रहता है। यात्रीगण मेले में व्यवस्था बनाए रखें। धर्मशाला, होटलों में बिना पहचान पत्र के यात्रियों को नहीं रखा जा सकेगा। मेले के दौरान डीजे, साउण्ड सिस्टम पर प्रतिबंध रहेगा। हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा।
 
पार्किंग व्यवस्था: यदि आप अपने निजी वाहन से यात्रा करके यहां पहुंच रहे हैं तो तोरण द्वार के पास पार्किंग की व्यवस्था है। जहां तक संभव हो सके आप अपना वाहन रींगस में ही पार्क करे दें ताकि आपको किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। यदि आप अपने परिवार सहित खाटूधाम आते हैं तो बच्चों का विशेष ध्यान दें। उनके जेब में नाम, पता व मोबाइल नम्बर की पर्ची जरूर रखें।
 
वीआईपी व्य‍वस्था नहीं है: बाबा श्याम के दरबार में किसी भी प्रकार की वीआईपी व्य‍वस्था नहीं है। सभी को लाइन में लगकर दर्शन लाभ लेना होते हैं।
 
कैसे पहुंचें: बाबा श्याम के दर्शन को खाटूधाम आने के सड़क, रेल और वायु मार्ग है। जयपुर के सांगानेर एयरपोर्ट से देश सहित विदेशों की उड़ाने हैं। जहां से 100 किमी दूरी से टेक्सी के जरिए आया जा सकता है। वहीं जयपुर, रींगस और सीकर रेल मार्ग से जुड़े हुए हैं। दिल्ली से सड़क मार्ग से गुडग़ाव, कोटपूतली, नीमकाथाना, श्रीमाधोपुर से रींगस होते हुए बस व कार से खाटू आया जा सकता है।
 
इंदौर से खाटू श्याम धाम के लिए ट्रेन : 
- इंदौर से रिंगस जंक्शन ट्रेन की बुकिंग करें।
- यह ट्रेन इंदौर से 13:30:00 बजे प्रस्थान करके रिंगस जंक्शन में 02:15:00 बजे पहुंचती है।
- ट्रेन का नाम है हमसफर ट्रेन 20497 FZR HUMSAFAR 
- रींगस से खाटू श्याम 26 किलोमीटर पड़ता है। यहां से बस द्वारा जा सकते हैं।
 
इंदौर टू रिंगस : ये ट्रेन हर शनिवार को इंदौर से दोपहर 1.40 पर चलकर 2.15 बजे फतेहबाद, 2.52 पर बडऩगर, 3.45 बजे रतलाम, 4.56 बजे मंदसौर, 5.56 बजे नीमच, 7.25 बजे चित्तौडग़ढ़, 8.30 बजे रात को भीलवाड़ा, रात 11.30 बजे अजमेर, 12.07 बजे किशनगढ़ और रात 2.05 पर रींगस पहुंचती है, इसके बाद ये ट्रेन सीकर, चुरू होते हुए बीकानेर तक जाती है। इस ट्रेन का नंबर 19333 है।
 
इंदौर से जयपुर ट्रेन:-
- इंदौर से जयपुर की ट्रेन पकड़कर आप वहां से रिंगस ट्रेन पकड़ सकते हैं।
- जयपुर से सुबह 6:00 बजे के आसपास रवाना होती है, जो अगले दिन सुबह 8:05 बजे पहुंचती है 
- इंदौर से इंदौर जयपुर एक्सप्रेस ट्रेन इंदौर जंक्शन से 10:20 बजे भी निकलती है और 07:45 बजे जयपुर जंक्शन पहुंचती है।
- इंदौर से जयपुर तक कई टॉपरेटर बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
नोट : ट्रेन का समय एक बार रेलवे की साइट पर जाकर जरूर चेक करें क्योंकि ट्रेन के दिन, समय और रूट बदलते रहते हैं।
 
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