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Written By WD Feature Desk
Last Modified: बुधवार, 26 फ़रवरी 2025 (19:09 IST)

क्या है भगवान शिव से होली की ठंडाई का संबंध, जानिए ठंडाई का इतिहास

क्या है भगवान शिव से होली की ठंडाई का संबंध, जानिए ठंडाई का इतिहास - holi, history of thandai
history of thandai: होली का त्यौहार आने वाला है। फाल्गुन महीने के आते ही लोग बेसब्री से इस त्योहार का इंतजार करते हैं। रंगों का यह त्योहार हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस साल होली 14 मार्च को मनाई जाएगी। इस दिन रंगों के साथ-साथ पकवानों का भी विशेष महत्व होता है।  होली होली की बात हो और ठंडाई का जिक्र ना हो ऐसा नहीं हो सकता। होली पर विभिन्न पकवानों के साथ ठंडाई परोसने की भी परंपरा है । जो भांग और सूखे मेवे के सम्मिश्रण से बनती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सबसे पहले यह ठंडाई भगवान शिव को अर्पित की गई थी। आइए आपको बताते हैं इसके पीछे क्या है मान्यता।


भगवान शिव के लिए बनाई गई थी सबसे पहले ठंडाई
ठंडाई एक पारंपरिक भारतीय पेय है, जिसका आनंद सदियों से लिया जा रहा है। शिवरात्रि और होली के दौरान विशेषरूप से ठंडाई पीने का अपना महत्व है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर ठंडाई की शुरुआत कैसे हुई और इसका इतिहास क्या है। आइए आज वेबदुनिया जानते हैं ठंडाई के इतिहास के बारे में।


ठंडाई का इतिहास
ठंडाई का उल्लेख प्राचीन भारत में मिलता है । इसे भगवान शिव के प्रिय पेय के रूप में जाना जाता है। कहां जाता है कि भगवान शिव की शादी माता सती से होने के बाद वे बैरागी से गृहस्थ जीवन में आए थे। उनके जीवन के इस विशेष दिन के उत्सव पर ठंडाई पड़ोसी गई थी। इस प्रकार सबसे पहली बार ठंडाई भगवान शिव को अर्पित की गई थी।

ठंडाई के फायदे
ठंडाई की परंपरा प्राचीन भारत से चली आ रही है। कहा जाता है कि इसके  सेवन से शरीर को शीतलता मिलती है। इसे बनाने के लिए प्राकृतिक सामग्री जैसे सौंफ के बीज, खरबूजे के बीज, बादाम आदि का इस्तेमाल किया जाता है, जो शरीर को ठंडा रखने में मदद करती है। इसे शरीर को ठंडा करने और इंद्रियों को तरोताजा करने के लिए पिया जाता है। यह गर्मियों में ताजगी देने वाले ड्रिंक के रूप में भी काफी लोकप्रिय है।

  • फुल क्रीम दूध: 1 1/2 लीटर
  • भीगा और छिला हुआ बादाम: 25
  • भीगे हुए काजू : 20
  • पिस्ते उबालकर छीले हुए: 30
  • खरबूजे के बीज भिगोये हुए: 3 बड़े चम्मच
  • खसखस/पोस्तो भिगोया हुआ: 3 बड़े चम्मच
  • केसर (केसर): कुछ रेशे
  • चीनी: 1 1/2 कप
  • हरी इलायची: 8-10
  • गुलाब की पंखुड़ियां: 20-25
  • दालचीनी: 1 इंच की छड़ी
  • काली मिर्च : 8-10

बनाने का तरीका
  • सबसे पहले बादाम, काजू, पिस्ता, खरबूजे के बीज और खसखस को थोड़े से दूध के साथ पीसकर बारीक पेस्ट बना लें।
  • अब एक पैन में दूध उबालें और इसमें केसर डालकर मिला दीजिए।
  • जब दूध उबलने लगे तो इसमें चीनी डालें और चीनी घुलने तक धीमी आंच पर पकाएं।
  • फिर हरी इलायची, सूखी गुलाब की पंखुड़ियां, दालचीनी और काली मिर्च को एक साथ बारीक पीस लें।
  • इस पेस्ट को दूध में डालें और अच्छी तरह मिलाएं। तीन से चार मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं।
  • दूध में पिसा हुआ पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला लें। दूध को ठंडा करके परोसें।