फिर तर्क दिया जा सकता है कि नहीं, जो नीति-नियम सम्मत् आचरण है वही धर्म है। अर्थात नैतिकता का ध्यान रखा जाना जरूरी है, तो सिद्ध हुआ की नीति ही धर्म है? श्रेष्ठ आचरण ही धर्म है? यदि ऐसा है तो दांत साफ करना नैतिकता है, लेकिन दांत साफ करना हिंसा भी है, क्योंकि इससे हजारों किटाणुओं की मृत्यु हो जाती है। जो आपके लिए नैतिकता है वह हमारे लिए अनैतिकता हो सकती है।