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Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 19 फ़रवरी 2025 (17:40 IST)

क्यों दी जाती है संतों को जल समाधि, जानिए क्या है जल समाधि से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं

क्यों दी जाती है संतों को जल समाधि, जानिए क्या है जल समाधि से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं - Jal Samadhi Ritual
Jal Samadhi Ritual: पिछले दिनों राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन हो गया और उन्हें जल समाधि दी गई। इसके बाद लोगों की मन मे यह सवाल जरूर आया कि आखिर संतो को जल समाधि क्यों दी जाती है, जबकि हिंदू धर्म में पार्थिव शरीर का अंतिम कर्म दाह संस्कार के द्वारा करने की परंपरा है। जल समाधि एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें साधु-संतों के पार्थिव शरीर को जल में प्रवाहित किया जाता है। यह अंतिम संस्कार की एक विशेष विधि है जो आम लोगों के लिए नहीं है। आइए जानते हैं कि संतों को जल समाधि क्यों दी जाती है और इसका धार्मिक कारण क्या है।

क्या होती है जल समाधि
जल समाधि के लिए साधु या संत के पार्थिव शरीर के साथ भारी पत्थर बांधे जाते हैं। इसके बाद शव को नदी की धारा में प्रवाहित कर दिया जाता है। साधु या संत के शव के साथ भारी पत्थर बंधे होने के कारण शव नदी की गहराई में समाहित हो जाता है। इसे ही जल समाधि कहा जाता है।

क्यों दी जाती है जल समाधि
हिंदू धर्म के अनुसार जल को पवित्र माना जाता है सारी वैदिक और शास्त्रीय विधियां संस्कार और मंगल काम बिना जल के संभव नहीं हिंदू धर्म में मान्यता है की सृष्टि की प्रारंभ से पहले संपूर्ण जगत में सिर्फ जल ही था और आखिर में भी प्रलय के बाद जल्द ही सिर्फ बचेगा। इसलिए जल को पवित्र माना जाता है। हिंदू धर्म में देवी देवताओं की मूर्ति को भी जल में विसर्जित किया जाता है। मान्यता है कि मूर्ति को जल में विसर्जित करने के बाद मूर्ति जल मार्ग से अपने स्थान पर प्रस्थान कर जाती है। असल में जल के देवता वरुण है जो भगवान विष्णु के स्वरूप माने जाते हैं। इसलिए जल को का रूप में पवित्र माना जाता है।
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जल समाधि का धार्मिक कारण
हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि मानव शरीर पांच तत्वों - पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश से मिलकर बना है। जल समाधि में शरीर को जल में प्रवाहित करके उसे वापस प्रकृति में विलीन कर दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि जल में समाधि लेने से आत्मा को शीघ्र मोक्ष की प्राप्ति होती है। जल को पवित्र और शुद्ध करने वाला तत्व माना गया है। 
हिन्दू धर्म में संतों को सांसारिक मोह-माया से दूर माना जाता है। उनका जीवन तप, साधना और ईश्वर भक्ति में बीता होता है। इसलिए उनके शरीर को आम लोगों से अलग माना जाता है और उन्हें जल समाधि दी जाती है।

जल समाधि कहाँ दी जाती है?
आमतौर पर गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी जैसी पवित्र नदियों में जल समाधि दी जाती है। जल समाधि देने से पहले कुछ विशेष प्रक्रियाएं की जाती हैं। शरीर को स्नान कराकर नए वस्त्र पहनाए जाते हैं। फिर उसे नदी में प्रवाहित किया जाता है।
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जल समाधि एक धार्मिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो साधु-संतों के अंतिम संस्कार के लिए की जाती है। इसका धार्मिक कारण शरीर को पंच तत्वों में विलीन करना और मोक्ष की प्राप्ति माना जाता है।