अनिरुद्ध जोशी|
पुनः संशोधित गुरुवार, 5 मार्च 2020 (11:07 IST)
यह सुनकर उर्वशी क्रोधित हो गई। उर्वशी ने अर्जुन से कहा, तुम नपुंसकों की तरह ही बात कर रहे हो, सो अब से तुम नपुंसक हो जाओ। उर्वशी शाप देकर चली गई।
जब इंद्र को इस बात का पता चला तो अर्जुन के धर्म पालन से वे प्रसन्न हो गए। उन्होंने उर्वशी से शाप वापस लेने को कहा तो उर्वशी ने कहा शाप वापस नहीं हो सकता, लेकिन मैं इसे सीमित कर सकती हूं। उर्वशी ने शाप सीमित कर दिया कि अर्जुन जब चाहेंगे तभी यह शाप प्रभाव दिखाएगा और केवल एक वर्ष तक ही उसे नपुंसक होना पड़ेगा।
यह शाप अर्जुन के लिए वरदान जैसा हो गया। अज्ञात वास के दौरान अर्जुन ने विराट नरेश के महल में किन्नर वृहन्नलला बनकर एक साल का समय गुजारा, जिससे उसे कोई पहचान ही नहीं सका।