होली गीत : ससुराल में पहली होली...
दोहा :-
पहली होली पड़ी ससुरे म,
देवरे करे परेशान
पकड़ के हमरी नरम कलाई,
पोते बहुत गुलाल
गीत:-
मारि पिचकारी भिगाय देहे चोली
बहुत मजा मारें खेल खेल होली
केहे बरजोरी पाय के अकेले
केहू हमका खींचय केहू धकेलय
मचाय देहे रबदा टूटि गय डोरी
मारि पिचकारी भिगाय देहे चोली
बहुत मजा मारें खेल खेल होली
बारी-बारी रंग लगाएं
कम-ज्यादा सब केहू छपकाएं
देख के तमाशा ननद बोले बोली
मारि पिचकारी भिगाय देहे चोली
बहुत मजा मारें खेल खेल होली
धमा-चौकड़ी खूब मचायेन
खूब आंगन म हमका नचाएं
बच गए कैसेव चली नहीं गोली
मारि पिचकारी भिगाय देहे चोली
बहुत मजा मारें खेल खेल होली।