शायर आलोक श्रीवास्तव पर गज़ल चुराने का आरोप, रिटायर्ड प्रोफेसर अमीता परसुराम ने किया अपनी गज़ल होने का दावा!
आलोक श्रीवास्तव एक कवि और शायर होने के साथ पत्रकार भी हैं। उन पर किसी दूसरे की गज़ल चुरा लेने का आरोप लगा है। यह आरोप प्रख्यात गज़ल लेखिका और DU की रिटायर्ड प्रोफेसर अमीता परसुराम ने लगाया है। मीडिया में आई जानकारी के मुताबिक अमीता ने अपनी गज़ल लगभग हूबहू चुरा लेने का संगीन आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि उनकी गज़ल की धुन भी उड़ा ली गई।
बता दें कि अमीता परसुराम DU की रिटायर्ड प्रोफेसर हैं। उनका आरोप है कि आलोक श्रीवास्तव ने न सिर्फ गजल लगभग हूबहू उड़ा दी बल्कि इसकी धुन भी चुरा ली है। बता दें कि इससे पहले भी कुछ नामचीन शायरों के कलाम चुराने का उन पर आरोप लग चुका है।
क्या है दावा?
शायर आलोक श्रीवास्तव पर अमीता परसुराम की गज़ल चोरी करने का आरोप। अमीता परसुराम लिखती हैं –
नही है अपना खुदा मोअतबर तो क्या कीजे
दुआएं हो गईं सब बेअसर तो क्या कीजे
आलोक श्रीवास्तव लिखते हैं
वो मानता ही नहीं हमसफर तो क्या कीजे
हर एक दुआ है अगर बेअसर तो क्या कीजे
कौन हैं आलोक श्रीवास्तव?
आलोक श्रीवास्तव मध्य प्रदेश के शाजापुर के हैं। उनका जन्म 30 दिसंबर 1971 को हुआ था। आलोक शायर, गीतकार और पत्रकार हैं। अपनी कृतियों से वे चर्चा में रहते हैं और उनकी किताबें भी प्रकाशित हो चुकी हैं।