कोरोना पर कमाल के हैं ये फिल्मी गीत : न तुम हमें जानो ना हम तुम्हें जाने
*आज के माहौल को देखते हुए जिन फिल्मी गीतों से दूर रहने में ही भलाई है:-
लग जा गले कि फिर ये हंसी रात ..
( बिलकुल मना है ये)
बांहों में चले आओ...
(सवाल ही नहीं उठता)
तुम पास आए..
(कोई ज़रूरत नहीं पास आने की)
मुसाफिर हूं यारों..
( शासन के निर्देशानुसार यात्रा नहीं करना है भाई)
गुनगुना रहे हैं भौंरे..
(बगीचे में नहीं जाना है)
पास आओ ना ...
(क्यों आना है )
आइए आपका इंतज़ार है...
( क्यों भैया, अपने घर में रहो)
पुकारता चला हूं मैं...
( मनाही है घूमने की)
ना जा मेरे हमदम...
(जाने दो)
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा स्वीकार्य कुछ गीत
तेरी दुनिया से हो के मजबूर चला
(बिलकुल सुरक्षित)
तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम
(ये ही होना चाहिए)
चाहूंगा मैं तुझे सांझ सवेरे
(ये काम है जो अपने घर से ही करना)
छुप गया कोई रे दूर से पुकार के..
(सच्चा हितैषी)
न तुम हमें जानो ना हम तुम्हें जाने
(जे बात!!)
परदेशियों से ना अंखियां मिलाना..
(बिलकुल सही)
I just called to say I love u
(most appropriate)
*अन्यथा ये गीत गाते रह जाओगे:- ये क्या हुआ, कैसे हुआ...