सर्दियों में करें दमे से बचाव
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डॉ. सलिल भार्गव सर्दियों का मौसम दमे के रोगियों के लिए कुछ परेशानियाँ लेकर आता है। यदि इस वक्त कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो दमे को नियंत्रित रखा जा सकता है। इस मौसम में त्यौहारों का अवसर होने से घरों में सफाई होने से वायु में धूल कण व गैसेस बढ़ जाती है, साथ ही नाक-कान-गले के मौसमी इन्फेक्शन अपनी चरम सीमा पर रहते हैं। इन कारणों के अलावा दमे के अन्य कारण भी इसमें मिलकर दौरे का रूप ले सकते हैं।क्या करें दौरों से बचने के लिए* जिस जगह सफाई या अन्य कारणों से धूल उड़ती है वहाँ से दूरे रहें। * घरों में बिछे हुए कालीन, कपड़ों के पर्दों, वॉल हेंगिंग इत्यादि को वेक्यूम क्लीनर से साफ करें, क्योंकि घरों में साधारणतया की जाने वाली 'डस्टिंग' सिर्फ धूल की जगह को बदलती रहती है- वेक्यूम क्लीनर उसे सोखकर घर से हटा सकता है। * सोने के कमरे में, वस्त्रों में व घर के अन्य हिस्सों में नमी नहीं होनी चाहिए। इस वातावरण में 'डस्ट-माइट' नामक जीवाणु रहने से एलर्जी का प्रकोप बढ़ जाता है व अस्थमा बढ़ जाता है। * घरों में सीलन से 'फंगस' हो सकती है, इसलिए चलायमान चीजों को धूप में रखकर उसकी नमी खत्म करें। |
सोने के कमरे में, वस्त्रों में व घर के अन्य हिस्सों में नमी नहीं होनी चाहिए। इस वातावरण में 'डस्ट-माइट' नामक जीवाणु रहने से एलर्जी का प्रकोप बढ़ जाता है |
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* एअर कंडीशनर्स यदि उपयोग करते हैं तो उसकी नियमित साफ-सफाई रखें। * परिवार के किसी सदस्य को सर्दी-खाँसी हो जाए तो उसका इलाज करवाएँ व उसके निकट संपर्क में आने से बचें। इन्फेक्शन फोन से, मोबाइल से, नलों से, नेपकिन टॉवेल के कॉमन उपयोग से फैलता है। इससे बचने का प्रयास करें व इन्फेक्शन हो जाने पर तुरंत उपचार करवाएँ। यह दमा के दौरे में कभी भी परिवर्तित हो सकता है। * नियमित व्यायाम-प्राणायाम चालू रखें। ये फेफड़ों व शरीर की रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति को बढ़ाते हैं। पैदल चलना या हल्का दौड़ना जिससे साँस न चले बहुत अच्छे व्यायाम हैं। बाँसुरी बजाना, गाना गाना अन्य अच्छे व्यायाम हैं।
* व्यायाम या भागदौड़ का काम करते समय अपनी रेस्क्यू मेडिसिन का इन्हेलर (साल्ब्युटेमाल) अपने पास अवश्य रखें व जरूरत पड़ने पर अवश्य उपयोग करें। * फलों व सब्जियाँ जिसमें विटामिन 'सी', 'ए' व विटामिन 'डी' हो नियमित सेवन करें। यह शरीर की प्रतिरोधात्मक शक्ति बढ़ाकर नियमित मौसमी बुखार के प्रकोप से बचाता है। * ऐस्प्रिन अथवा अन्य दर्द निरोधी दवाइयों के उपयोग से पूर्व अपने चिकित्सक से परामर्श कर लें। |
व्यायाम या भागदौड़ का काम करते समय अपनी रेस्क्यू मेडिसिन का इन्हेलर (साल्ब्युटेमाल) अपने पास अवश्य रखें व जरूरत पड़ने पर अवश्य उपयोग करें |
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* एसिडिटी व ज्यादा भोजन करने से बचें। यदि जरूरत हों तो नियमित उपचार करें। * ठंडे पानी से न नहाएँ। * तेज ठंड पड़ने पर समुचित सुरक्षा के बाद ही घर से निकलें। * मानसिक व शारीरिक तनाव से बचें।दौरा पड़ने पर क्या करें* अपने चिकित्सक को सूचना दें या उनके द्वारा बताए उपचार को बिना देर किए प्रारंभ करें। * अपने रेस्क्यू मेडिसिन (साल्ब्युटेमाल) पंप का उपयोग करें। * घबराएँ नहीं, मानसिक तनाव से बचें। ज्यादा शारीरिक काम करने से बचें, जब तक दौरा खत्म न हो। * पानी समुचित मात्रा में पिएँ (ज्यादा तेजी से साँस चलने से पानी की कमी हो सकती है)। * एंटीबायोटिक्स व अन्य दवाइयों का उपयोग चिकित्सक के परामर्श के बाद ही करें। * यदि सर्दी-खाँसी है तो उसका सही व समुचित उपचार करें। * दौरे के बाद ऐलोपैथिक उपचार तुरंत सहायता करता है व जान बचा सकता है। इसलिए अन्य प्रकार की चीजों या उपचारों को न आजमाएँ। * 30 मिनट के अंदर आराम न पड़ने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल, चिकित्सक से तुरंत मिलें। * अपने विशेषज्ञों के इमरजेंसी नं. अपने साथ/पास हमेशा रखें।