फिटनेस के लिए ध्यान लगाइए
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ए.के. रावलध्यान का अभ्यास करने वालों को शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक लाभ मिलता है। इससे एकाग्रता व कार्यक्षमता बढ़ जाती है।वैज्ञानिकों के अनुसार हमारी मानसिक क्षमता के 80 प्रतिशत भाग का हम उपयोग ही नहीं करते। ध्यान के द्वारा मस्तिष्क के उन सूक्ष्म बिंदुओं को जागृत किया जाता है ताकि इस क्षमता का अधिक उपयोग किया जा सके। तनाव, क्रोध, अवसाद में हम ध्यान के जरिए आत्म सुझाव द्वारा आनंद प्राप्त कर सकते हैं।ध्यान का अभ्यास करने वालों को शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक लाभ मिलता है। इससे एकाग्रता व कार्यक्षमता बढ़ जाती है। अनिद्रा, तनाव, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, पाचन क्रिया, हृदय रोग, अवसाद आदि बीमारी में लाभ होता है। ध्यान द्वारा मस्तिष्क की पिट्यूटरी ग्लैंड व कमर की एड्रीनल ग्लैंड प्रभावित होती है तथा दूषित पदार्थ बाहर जाता है। इसमें ऑक्सीजन की बचत होती है। ध्यान करने के लिए सीधा पद्मासन, अर्द्ध पद्मासन, सुखासन में बैठकर आँखें बंद कर मन को भूमध्य में लाएँ व सहज साँस लेते व छोड़ते जाएँ। गर्दन व सिर को सीधा रखकर चट्टान जैसे बैठें व साँस को आते-जाते देखें। साँस खूब लंबी व गहरी लेना है। इसमें अपने ईष्ट का ध्यान भी करना है। अपनी क्षमता के अनुसार 3 से 10 मिनट के बाद हथेली को गरम कर आँखों पर रखेंगे व 5 साँसें लेंगे। ध्यान के पहले व बाद में 11-11 वक्त ॐ का उच्चारण करना है। साधक को ध्यान के अलावा रात में सोने के 2 घंटे पहले सुपाच्य भोजन करना चाहिए। दिन में एक वक्त दिल खोलकर हँसना चाहिए। अपनी शक्ति के अनुसार बगीचे, सड़क या छत पर 1 से 4 किमी घूमना चाहिए। ध्यान कई क्रियाओं द्वारा किया जा सकता है। इन्हें सीखने के लिए किसी प्रशिक्षित व्यक्ति की मदद लेना सबसे अच्छा है ताकि आप भ्रांति में न पड़ें तथा सही तरीके से ध्यान का लाभ ले सकें।