मंगलवार, 5 नवंबर 2024
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गोलगप्पे का शौक फरमाते हैं तो..... एक बार इसे जरूर पढ़ें

गोलगप्पे का शौक फरमाते हैं तो..... एक बार इसे जरूर पढ़ें - Most Unhealthy Indian Snack pani puri golgappa
स़ड़क किनारे रेह़ड़ी वाले की दुकान पर सजी फुल्की यानी गोलगप्पे को देखकर भला किसके मुंह में पानी नहीं आता होगा,लेकिन सावधान, ये आपकी सेहत के दुश्मन भी बन सकते हैं। इनको तैयार करने के लिए कैमिकल्स का इस्तेमाल किया जा रहा है जो हानिकारक हो सकता है। 
 
दरअसल चौक-चौराहों, स़ड़क किनारे और नुक्क़ड़ों पर ख़ड़े ठेले से जिस चटपटे पानी के साथ आप चटखारे लेकर गोलगप्पे खा रहे हैं। उसमें पुदीने की जगह एसेंस और खटाई की जगह टारटैरिक एसिड या फिर टायलेट क्लीनर (एसिड) तक घुला हो सकता है। हालांकि ब़ड़े प्रतिष्ठानों में साफ-सफाई और सामग्री का विशेष ध्यान रखा जाता है।
 
नाम न छापने की शर्त पर कुछ गोलगप्पे वाले बताते हैं कि महंगाई को देखते हुए कम लागत और कम वक्त में चटपटा और जायकेदार पानी बनाने का तरीका इजाद कर लिया है। नीबू, पुदीना, काला नमक आदि से पानी बनाने के लिए हरे रंग (पुदीने का एसेंस),तेज मिर्च वाले पानी के लिए भी हल्के पीले रंग और फ्लेवर,पानी को चटपटा और जायकेदार बनाने के लिए भी सस्ते मसालों के साथ टारटैरिक एसिड का इस्तेमाल किया जाता है। 
 
अधिक मुनाफे का लालच : पिछले एक दशक से पानी बताशे का व्यापार करने वाले भिण्ड निवासी भगवान सिंह बघेल बताते हैं कि कुछ लोग अधिक मुनाफा कमाने के लिए और पानी को तीखा करने के लिए मिलावट कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि गोलगप्पे के पानी में कभी मिलावट नहीं की। वे अकेले आए थे। धीरे-धीरे धंधा जमता गया और वे एक के बाद एक अपने परिजनों और रिश्तेदारों को साथ लाते गए।

आज एक दर्जन से अधिक स्थानों पर उनके साथी ठेले लगाते हैं, जिन पर दर्जनों लोग काम करते हैं। इसके अलावा फुल्की यानी बताशे तैयार करने में भी कई लोग लगे हैं। दो दर्जन से अधिक लोगों को रोजगार दिया हुआ है।
ठेले वालों के गोलगप्पे खाने से डायरिया, डिहाइड्रेशन होने की आशंका रहती है। लंबे समय तक इनका सेवन करने से लीवर भी खराब हो सकता है। : डॉ. सुनयना मिश्रा 
ठेले पर पानीपुरी बेचने वाले साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं। इनके सेवन से उल्टी, दस्त, पीलिया जैसी शिकायतें हो सकती हैं। : डॉ. एके द्विवेदी
सावधानियां : तीखे पानी वाली टंकी की भीतरी सतह देखें। यदि यह अपना रंग छो़ड़ चुकी है तो हो सकता है कि पानी में एसिड का इस्तेमाल किया जा रहा हो। 
 
स्टील की प्लेट्स में भी रंग परिवर्तन एसिड की उपस्थिति का संकेत माना जा सकता है। 
 
पानीपुरी खाते ही यदि दांत पर कुछ जमने जैसा अनुभव तो यह माना जा सकता है कि इसमें केमिकल्स मिलाए गए होंगे। 
 
टारटैरिक एसिड या एसीटिक एसिड व एसेंस से तैयार पानी पेट में पहुंचने के फौरन बाद जलन महसूस होने लगती है। 
 
बेचने वाले की अंगुलियों को देखकर पानी का अंदाजा लगाया जा सकता है।
क्या है खतरा
लंबे समय तक पानीपुरी खाने से अल्सर हो सकता है।
 
एसिड वाले पानी से लीवर में खराबी आ सकती है। 
 
एसिडिटी और पाचन प्रक्रिया बिग़ड़ सकती है। 
 
पेट दर्द और आंतों में सूजन या छाले हो सकते हैं।