शुक्रवार, 29 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. सेहत
  3. हेल्थ टिप्स
  4. difference between black fungus and white fungus
Written By

White फंगस क्या है? Black फंगस से भी खतरनाक है? जानिए इस पोस्ट में

White फंगस क्या है? Black फंगस से भी खतरनाक है? जानिए इस पोस्ट में - difference between black fungus and white fungus
कोरोना वायरस का प्रकोप अब धीरे-धीरे कम होने लगा है लेकिन कोविड मरीजों में कोरोना से ठीक होने के बाद और अधिक केयर करना जरूरी हो गया है। जी हां, पोस्ट कोविड के बाद होने वाली नई-नई बीमारियां सामने आ रही है। साथ ही कोरोना वायरस का खतरा डायबिटीज और हार्ट के मरीजों के लिए जीवन घातक बीमारी से कम नहीं हैं। इन दिनों पोस्ट कोविड मरीजों में अभी तक ब्लैक फंगस बीमारी के मरीज तेजी से सामने आ रहे हैं। इस बीमारी का उपचार लोगों तक पूरी तरह से पहुंचा भी नहीं था और अब दूसरी बीमारी व्हाइट फंगस कोरोना और अन्य मरीजों में पाई जा रही है।
 
आइए जानते हैं क्या है व्हाइट फंगस और किस तरह ब्लैक फंगस से अलग है?
 
व्हाइट फंगस क्या है?
 
व्हाइट फंगस को कैंडिडा भी कहते हैं। यह खून के जरिए शरीर में पहुंचकर अन्य अंगों को प्रभावित करती है। व्हाइट फंगस से नाखून, पेट, किडनी, प्राइवेट पार्ट, मुंह के साथ फेफड़ों को भी संक्रमण का खतरा होता है। यह बीमारी नॉन कोविड मरीजों में भी पाई जा रही है।
 
व्हाइट फंगस के लक्षण
 
व्हाइट फंगस के कुछ लक्षण कोविड से मिलते-जुलते हैं। जैसे- सांस फूलना, सीने में दर्द होना, हल्का जुकाम, खांसी। इसके अलावा अन्य लक्षण कुछ इस प्रकार से है-
 
- जोड़ों में दर्द
- ब्रेन पर असर होना। जिससे सोचने की क्षमता प्रभावित होती है।
- उल्टियां होना, बोलने में हल्की सी हकलाहट।
 
यह गलती नहीं करें
 
व्हाइट फंगस भी कोरोना की तरह फेफड़ों पर आक्रमण करता है। सीने में दर्द होना, सांस लेने में परेशानी होना लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर की सलाह के बिना कोरोना का इलाज शुरू नहीं करें।
 
व्हाइट फंगस से इन्हें अधिक खतरा
 
- इम्युनिटी कमजोर होना
- डायबिटीज मरीज
- कोरोना मरीज
- कोरोना मरीज अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती रहे
- ऐसे मरीज जिन्हें ऑक्सीजन चढ़ाई जा रही है/गई है
- कैंसर मरीज, एचआईवी, कुपोषित बच्चे।
 
व्हाइट फंगस से कैसे बचें
 
- ऑक्सीजन सपोर्ट उपकरण की साफ सफाई का पूर्ण रूप से ध्यान रखें।
- नाक और मुंह में लगाने के उपकरण फंगल युक्त हो।
- डायबिटीज मरीज शुगर लेवल चेक करते रहे।
- सुनिश्चित करें अपने आस-पास सफाई का पूरा ध्यान रखें। नमी और गीली जगह नहीं रहे।
 
व्हाइट फंगस का उपचार -
 
- डॉक्टर द्वारा लिखित जांच कराएं
- ताजे फल खाएं
- डिब्बा बंद चीजों का सेवन नहीं करें।
- घर में अधिक नमी नहीं रहे
- घर में रोशनी आने दें
 
ब्लैक फंगस से अधिक खतरनाक व्हाइट फंगस?
 
ब्लैक फंगस कोरोना मरीजों और पोस्ट कोविड मरीजों में अधिक पाया जा रहा है। कोरोना के दौरान मरीजों को दिए जा रहे स्टेरॉयड से अधिक खतरा भी सामने आ रहा है। इसके लक्षण नाक से काला पानी आना, नाक बंद होना, नाक के आस-पास सूजन आना, आंखे लाल होना, मुंह में दर्द होना।
 
हालांकि ब्लैक फंगस के दौरान भी उन्हीं सब बातों का ध्यान रखना है। जैसे आस-पास नमी नहीं होना, ऑक्सीजन सपोर्ट के सभी उपकरण में नमी नहीं रहे। स्टेरलाइट पानी का ही उपयोग करें।
 
डॉक्टरों के अनुसार व्हाइट फंगस ब्लैक फंगस से कम हानिकारक है। इसका उपचार समय रहते संभव है।

ये भी पढ़ें
Post Vaccination Diet : वैक्सीनेशन के बाद डाइट में शामिल करें ये खास चीजें, दर्द में मिलेगी राहत