गुरुवार, 28 नवंबर 2024
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तीन फलों से मिलकर बनता है त्र‍िफला, देता है सेहत के 7 जादुई फायदे

तीन फलों से मिलकर बनता है त्र‍िफला, देता है सेहत के 7 जादुई फायदे - Amazing Health Benefit Of Trifala
क्या आपने कभी त्रिफला प्रयोग किया है? सिर्फ सेहत के ही नहीं बल्कि ब्यूटी के फायदे भी देता है यह तीन फलों से तैयार किया गया चूर्ण। यह जादुई असर करता है, आपने त्र‍िफला को नही जाना तो समझो कुछ नहीं जाना ... 
 
त्रिफला शब्द का शाब्दिक अर्थ है 'तीन फल'। ले‍किन आयुर्वेद का त्रिफला 3 ऐसे फलों का मिलन है जो तीनों ही अमृतीय गुणों से भरपूर है। आंवला, बहेड़ा और हरड़। आयुर्वेद में इन्हें अमलकी, विभीतक और हरितकी कहा गया है। त्रिफला में इन तीनों को बीज निकाल कर समान मात्रा में चूर्ण बनाकर कर लिया जाता है। 
 
एक अध्ययन से पता चला है कि त्रिफला का सेवन रेडियोधर्मिता से भी बचाव करता है। प्रयोगों में देखा गया है कि त्रिफला की खुराकों से गामा किरणों के रेडिएशन के प्रभाव से होने वाली अस्वस्थता के लक्षण भी नहीं पाए जाते हैं। इसीलिए त्रिफला चूर्ण आयुर्वेद का अनमोल उपहार कहा जाता है
 
1 त्रिफला के गुनगुने काढ़े में शहद मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है। 
 
त्रिफला के काढ़े से घाव धोने से एलोपैथिक- एंटिसेप्टिक की आवश्यकता नहीं रहती। घाव जल्दी भर जाता है। 
 
3 गाय का घी व शहद के मिश्रण (घी अधिक व शहद कम) के साथ त्रिफला चूर्ण का सेवन आंखों के लिए वरदान स्वरूप है। 
 
4 संयमित आहार-विहार के साथ इसका नियमित प्रयोग करने से मोतियाबिंद, कांचबिंदु-दृष्टिदोष आदि नेत्र रोग होने की संभावना नहीं होती। 
 
मूत्र संबंधी सभी विकारों व मधुमेह में यह फायदेमंद है। रात को गुनगुने पानी के साथ त्रिफला लेने से कब्ज नहीं रहती है। इसका 2 से 4 ग्राम चूर्ण दोपहर को भोजन के बाद अथवा रात को गुनगुने पानी के साथ लें। 
 
त्रिफला रात को पानी में भिगोकर रखें। सुबह मंजन करने के बाद यह पानी मुंह में भरकर रखें। थोड़ी देर बाद निकाल दें। इससे दांत व मसूड़े वृद्धावस्था तक मजबूत रहते हैं। इससे अरुचि, मुख की दुर्गंध व मुंह के छाले नष्ट होते हैं। 
 
7 एक चम्मच त्रिफला चूर्ण रात को एक कटोरी पानी में भिगोकर रखें। सुबह कपड़े से छानकर उस पानी से आंखें धो लें। यह प्रयोग आंखों के लिए अत्यंत हितकर है। इससे आंखें स्वच्छ व दृष्टि सूक्ष्म होती है। आंखों की जलन, लालिमा आदि तकलीफें दूर होती हैं। 
 
सावधानी : दुर्बल, कृश व्यक्ति तथा गर्भवती स्त्री को एवं नए बुखार में त्रिफला का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि दूध का सेवन करना हो तो दूध व त्रिफला के सेवन के बीच 2 घंटे का अंतर रखें।