स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है
सेहत डेस्क
* अम्लपित्त (हायपरएसिडिटी) होने पर भोजन के अन्त में तुरन्त ज्यादा पानी पीना, खट्टे तेज मिर्च-मसालेदार और तले हुए, गरम-गरम पदार्थ खाना, गरम चाय पीना व तम्बाकू सेवन करना हानिकारक है।* अजीर्ण होने पर, उदरशूल (दर्द) होने पर तेज और तुरंत असर करने वाली दर्द निवारक दवा देना हानिकारक है, इससे जठराग्नि आमदोष से युक्त होकर हानि करती है।* सूखी खाँसी के रोगी के लिए खट्टे पदार्थ, भारी एवं अधिक मात्रा में आहार तथा हींग का सेवन करना हानिकारक है।* पुराने कब्ज के रोगी को बार-बार जुलाब देना हानिकारक है। एनीमा का प्रयोग कर मल विसर्जन करना उचित है, लेकिन एनीमा का उपयोग भी बार-बार लगातार करना हानिकारक है।* बहुमूत्र रोग होने पर बार-बार पेशाब होता है, कभी-कभी जलन भी होती है। ऐसी स्थिति में मूत्रल (पेशाब बढ़ाने वाले) पदार्थ जैसे चाय, शीतल पेय, नया चावल, तरबूज, ककड़ी, दाहकारक पदार्थ, जैसे लालमिर्च, तले पदार्थ, अरहर की दाल आदि के अलावा अधिक मात्रा में तेल या घी, अधिक मात्रा में मीठे पदार्थ, अजीर्ण होने पर भी भोजन करना, एक बार का खाया हुआ पचने से पहले ही पुनः भोजन करना और भोजन के साथ या अन्त में अधिक जल पीना हानिकारक है।
* स्वप्नदोष के रोगी को सूर्यास्त के बाद गरम चाय, ठण्डे पेय, शाम को भोजन में गरिष्ठ एवं चिकने पदार्थों का सेवन करना, सोते समय गरम दूध पीना, खट्टे, वातकारक, रूखे तथा गरम प्रकृति के पदार्थ आदि का सेवन करना हानिकारक है। कामुक चिन्तन करना, मादक द्रव्य का सेवन करना, देर रात तक जागना और सुबह देर तक सोए रहना हानिकारक है।