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Last Updated : गुरुवार, 20 जून 2024 (13:49 IST)

किरण और श्रुति चौधरी BJP में, किसी समय हरियाणा की राजनीति में बोलती थी परिवार की तूती

किरण और श्रुति चौधरी BJP में, किसी समय हरियाणा की राजनीति में बोलती थी परिवार की तूती - Kiran Chaudhary and Shruti Chaudhary join BJP, at one time family had a say in Haryana politics
Kiran Chaudhary and Shruti Chaudhary join BJP: हरियाणा के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वालीं किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गईं। दोनों मां-बेटियों का आरोप है कि राज्य में कांग्रेस को निजी जागीर के तौर पर चलाया जा रहा है। हरियाणा के तीन लालों में से एक चौधरी बंसीलाल का अपने दौर में हरियाणा और दिल्ली की राजनीति में बड़ा प्रभाव था। इसे कांग्रेस के लिए बड़ झटका माना जा रहा है। 
दो बार मंत्री रह चुकी हैं चौधरी : किरण चौधरी 2 बार राज्य की कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं, जबकि बेटी श्रुति 2009 में भिवानी-महेन्द्रगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं। ‍किरण वर्तमान में तोशाम सीट से विधायक हैं। 2014 और 2019 में श्रुति को हार का सामना करना पड़ा था। 2024 में भी वे इस सीट से दावेदार थीं, लेकिन भूपेन्दर सिंह हुड्‍डा के करीबी राव दान सिंह को टिकट दे दिया गया। हालांकि दान सिंह भी यह सीट नहीं बचा पाए। ALSO READ: हरियाणा कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, MLA किरण चौधरी हुईं BJP में शामिल
 
कांग्रेस से क्यों नाराज हैं किरण : अपनी उपेक्षा से नाराज किरण चौधरी ने हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर कहा था कि हरियाणा में पार्टी को निजी जागीर की तरह चलाया जा रहा है। दूसरे लोगों को अपमानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ साजिश रची गई। उनका इशारा भूपेन्दर सिंह हुड्‍डा की तरफ है। किरण के पति का हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था, उस समय वे हरियाणा कैबिनेट के सदस्य थे। इस हादसे में राज्य के एक और मंत्री ओपी जिंदल की भी मौत हुई थी।
किरण ने कहा कि वे पूरी निष्ठा के साथ भाजपा के लिए काम करेंगी साथ ही अंतिम क्षण तक भाजपा के साथ रहेंगी। दूसरी ओर, कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक ने किरण के कांग्रेस छोड़ने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। हालांकि उन्होंने कहा कि किसी के जाने से पार्टी को झटका नहीं लगता। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले किरण और श्रुति का पार्टी छोड़ना निश्चित ही कांग्रेस के लिए झटका है, लेकिन असली दारोमदार इस बात पर होगा कि वे भाजपा को कितने जाट वोट दिलवा पाती हैं।  ALSO READ: जीतू पटवारी के खिलाफ कांग्रेस में बगावत, पीसीसी चीफ से हटाने के लिए सोनिया-खड़गे को पत्र
 
हरियाणा लेकर दिल्ली तक था बंसीलाल का प्रभाव : किरण चौधरी के ससुर और हरियाणा के तीन बार मुख्यमंत्री रहे चौधरी बंसीलाल का कांग्रेस की राजनीति में हरियाणा से लेकर दिल्ली तक प्रभाव था। उन्हें इंदिरा गांधी का करीबी माना जाता था साथ ही वे संजय गांधी की कोर टीम में भी शामिल थे। 1975 से 1977 तक भारत के रक्षामंत्री भी रहे थे। बंसीलाल को आधुनिक हरियाणा का शिल्पकार माना जाता है। वे हरियाणा की राजनीति प्रभावशाली 'लाल ‍तिकड़ी' (बंसीलाल, देवीलाल और भजनलाल) में से एक थे। तीनों का ही हरियाणा की राजनीति में बड़ा प्रभाव रहा है।    
Edited by: Vrijendra Singh Jhala