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Written By भाषा
Last Modified: अहमदाबाद , सोमवार, 10 दिसंबर 2012 (12:01 IST)

गुजरात चुनाव : मतदान के लिए प्रचार तेज

गुजरात चुनाव : मतदान के लिए प्रचार तेज -
PTI
गुजरात में विधानसभा चुनाव के तहत 13 दिसंबर को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए प्रचार तेज हो गया है क्योंकि पार्टियों के लिए मतदाताओं को अपने पक्ष में लुभाने के वास्ते मंगलवार का दिन आखिरी है

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पाटन जिले के सिद्धपुर शहर और खेड़ा जिले के डकोर के निकट सोमवार को दो चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगी।

मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी 3-डी होलोग्राफिक प्रोजेक्शन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके एक साथ 53 स्थानों पर रैली को संबोधित करेंगे।

इसके अलावा वह लोगों को संबोधित करने के लिए राज्य में छह चुनावी रैलियों में भी आज उपस्थित रहेंगे।

जहां प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कल गुजरात में एक रैली को संबोधित किया था वहीं कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी कल साणंद, जामनगर और अमरेली में तीन रैलियों को संबोधित करेंगे।

राज्य में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार कल शाम पांच बजे समाप्त हो जाएगा। दूसरे चरण का मतदान 17 दिसंबर को होना है। चुनाव प्रचार 15 दिसंबर की शाम को समाप्त होगा।

मोदी के मणिनगर विधानसभा क्षेत्र में दूसरे चरण में मतदान होगा। चुनाव की घड़ी जैसे-जैसे नजदीक आ रही है सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस दोनों ने एक-दूसरे पर हमले तेज कर दिए हैं।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कल कहा कि राज्य को विभाजनकारी राजनीति से छुटकारा दिलाने का वक्त आ गया है। उन्होंने इस बात पर खेद प्रकट किया कि राज्य में अल्पसंख्यक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

सिंह ने कहा कि गुजरात को इस तरह की राजनीति से मुक्ति दिलाने और उन लोगों की सत्ता में वापसी नहीं करने देने का वक्त आ गया है जो हमारे समाज और देश को बांटकर वोट हासिल करने का प्रयास कर रही हैं।

हालांकि, गुजरात में अल्पसंख्यकों के असुरक्षित महसूस करने के प्रधानमंत्री के आरोपों का खंडन करते हुए मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन पर अल्पसंख्यक समुदाय के नाम पर वोटबैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया।

मोदी ने वलसाड शहर में कल एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जिन्होंने आज गुजरात का दौरा किया वह अल्पसंख्यकों और बहुसंख्यकों के नाम पर वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। यह दुखद है कि देश का प्रधानमंत्री वोट बैंक की राजनीति से उपर नहीं उठ सका। (भाषा)