फरहान अख्तर : 'खान' नहीं पर गुणों की खान
हरफनमौला व्यक्तित्व
सुधीर शर्मा फरहान अख्तर के नाम के पीछे भले ही खान न जुड़ा हो पर वे गुणों की खान हैं। किसी भी व्यक्ति में कितने गुण हो सकते हैं। फरहान अख्तर को क्या कहा जाए एक्टर, डायरेक्टर, सिंगर, प्रोड्यूसर, राइटर, टेलीविजन होस्ट, स्क्रिप्ट राइटर। अभिनेता फरहान अख्तर बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। वे फिल्म 'भाग मिल्खा भाग' में उड़न सिख मिल्खासिंह के रोल को लेकर इन दिनों चर्चा में हैं। फरहान अख्तर ने 17 साल की उम्र में फिल्म 'लम्हे' से सिनेमाटोग्राफर-निर्देशक मनमोहन के साथ प्रशिक्षु के रूप में काम किया था। पटकथा लेखक और गीतकार जावेद अख्तर और हनी ईरानी के बेटे फरहान ने बतौर निर्देशक 2001 में फिल्म 'दिल चाहता है' जैसी सफल फिल्म से इंडस्ट्री में पहचान बनाई। तीन दोस्तों की जिंदगी को दर्शाती इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला। फरहान की बतौर हीरो पहली फिल्म रॉक ऑन थी, जिसमें उन्होंने गाने भी गाए। इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट डेब्यू का फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला। बहन जोया अख्तर के साथ भी उनकी जुगलबंदी को दर्शकों ने पसंद किया। लक बाय चांस, कॉलिंग कार्तिक कॉलिंग उनकी सोलो हीरो फिल्में थीं। फरहान ने लक्ष्य, डॉन, डॉन 2 जैसी फिल्मों का निर्देशन भी किया। उनका टीवी शो ओए इट्स फ्राइडे भी दर्शकों को पसंद आया था। युवाओं के लिए फरहान एक आईकॉन की तरह हैं। दिखने में साधारण फरहान ने अपनी योग्यता से असाधारण उपलब्धियां अर्जित की है, यही बात उन्हें आज के सफलतम युवाओं में सबसे अलग करती है।