प्रिया दत्त : एक प्रभावशाली व्यक्तित्व
-स्वप्ना कुमार
भारत की सांसद और समाज सेविका प्रिया दत्त देश की जानी-मानी हस्तियों में से एक हैं। प्रभावशाली व्यक्तित्व की धनी प्रिया फिल्म अभिनेता और राजनेता सुनील दत्त और अभिनेत्री नर्गिस की सुपुत्री हैं। पिता केंद्रीय मंत्री रहे और इनकी मां भी राजनीति के साथ-साथ समाजसेवा से जुड़ी रहीं। प्रिया उन चुनिंदा राजनेताओं में से हैं, जिन्होंने आम आदमी के दर्द को समझा और उन्हें इस दर्द से निजात दिलाने का प्रयास भी किया। प्रतिभा की धनी प्रिया का जन्म 28 अगस्त 1966 को हुआ अपनी स्कूली शिक्षा पूर्ण करने के बाद इन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय के सोफिया कॉलेज से समाज शास्त्र में बीए की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद प्रिया ने टेलीविजन और वीडियो के क्षेत्र में काम किया और मीडिया आर्ट्स का केन्द्र माने जाने वाले न्यूयॉर्क से इसकी पढ़ाई की लेकिन उन्हें इससे ज्यादा राजनीति और समाजसेवा में रूचि थी। इसलिए उन्होंने इसे ही अपना करियर बनाया। प्रिया को राजनीति अपने पिता से विरासत में मिली, लेकिन उन्होंने अपनी प्रतिभा से अपनी अलग पहचान बनाई। वे पहली बार 2005 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर उत्तरी पश्चिमी मुंबई लोकसभा क्षेत्र से 14वीं लोकसभा के लिए चुनी गईं। प्रिया फिल्मी परिवार से हैं, लेकिन उनकी रूचि समाज सेवा में शुरू से रही और इसी की बदौलत लोग उनकी सराहना करते हैं। प्रिया ने महिलाओं के हक के लिए समय-समय पर आवाज उठाई। चाहे वह महिलाओं के आरक्षण की बात हो या फिर वेश्यावृत्ति की कानूनी मान्यता की। प्रिया आज कई महिलाओं के लिए आदर्श बन गई हैं। आज भी वह समाजसेवा करने से कभी पीछे नहीं हटती चाहे फिर वह गणेश विर्सजन के बाद बीच की सफाई हो, सरकारी अस्पताल में जाकर मरीजों की सुध लेना हो, लोगों को जागरुक करने हेतु मैराथन में भाग लेना हो, क्रिसमस पर गरीब बच्चों को कपड़े, चॉकलेट बांटना हो या फिर समाजसेवा से जुड़े कई और मुद्दे हों। हर जगह उनका योगदान बहुत सराहनीय रहा है। आज देश को प्रिया जैसे सच्चे समाजसेवी और राजनीतिज्ञ की जरूरत है जो राजनीति के अर्थ को समझ सकें और समाज की स्थिति को सुधारने के लिए कार्य कर सकें।