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Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 31 मार्च 2025 (15:18 IST)

गणगौर में क्यों 16 का अंक है इतना महत्वपूर्ण, जानिए क्यों श्रृंगार से लेकर पर्व की अवधि तक 16 का आंकड़ा है खास

Gangaur Vrat Puja Vidhi in Hindi
Gangaur Vrat 2025: गणगौर का त्योहार हिन्दू धर्म में सुहागिन महिलाओं का बहुत महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। हालांकि कुंवारी कन्याएं इसका व्रत भी रखती है शादीशुदा महिलाएँ पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती है तो वहीं कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती है। गणगौर में ही भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है। ये त्योहार पूरे 16 दिनों तक मनाया जाता है। गणगौर की पूजा में 16 अंक का विशेष महत्व होता है। चलिए इस आर्टिकल में समझते हैं, गणगौर की पूजा में 16 अंक का क्या महत्व है।

गणगौर पूजा में 16 नंबर इतना खास क्यों?
हिन्दू धर्म में किसी भी पूजा को पूरे विधि-विधान से संपन्न किया जाता है। मान्यता है कि पूरे मन और विधिपूर्वक की गई पूजा से भगवान प्रसन्न होते हैं। यही बात गणगौर पूजा में भी लागू होती है। गणगौर पूजा में भगवान को हर चीज़ 16 अंकों में चढ़ाने की परंपरा है। पूजन की सामग्री से लेकर श्रंगार का सामान और  प्रसाद आदी। इसके अलावा काजल, रोली और मेहंदी का इस्तेमाल सोलह-सोलह बार दिवार या फिर कागज़ पर बिंदिया लगाने के लिए किया जाता है। गणगौर की पूजा भी 16 दिनों तक की जाती है, इसलिए इस पूजा में 16 अंक का विशेष महत्व है।

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क्यों 16 दिनों तक मनाया जाता है गणगौर का पर्व?

गणगौर पर्व के बारे में धार्मिक मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए 16 दिनों तक कठोर तपस्या की थी। इसी कारण से गणगौर की पूजा भी 16 दिनों तक चलती है। इस पर्व में हर वस्तु का संबंध 16 अंक से है। आप भी जब गणगौर की पूजा कर रहे हैं, तो इस बात का विशेष ध्यान रखें। गणगौर की पूजा पूरे विधि-विधान से करने से आपको माता पार्वती और भगवान शिव का आशीर्वाद मिलेगा और आपकी मनोकामना भी पूरी होगी।

गणगौर पर्व के सोलह श्रृंगार 
1. मांग टीका 
2. बिंदिया 
3. काजल
4. नथ
5. सिंदूर 
6. मंगलसूत्र 
7. बाली 
8. मेहंदी 
9. चूड़ियां 
10. गजरा
11. बाजूबंद 
12. अगूंठी 
13. कमरबंद 
14. पायल 
15. बिछिया
16. वस्त्र

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