Ganga Dussehra 2024: गंगा दशहरा निर्जला एकादशी से एक दिन पहले आता है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा दशहरा मनाया जाता है। इस दिन मां गंगा का अवतरण हुआ था। इस साल श्री गंगा दशहरा 16 जून 2024 रविवार के दिन मनाया जा रहा है। आओ जानते हैं गंगा पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व। इसी के साथ गंगा स्नान का महत्व एवं दान पुण्य।
दशमी तिथि प्रारम्भ- 16 जून 2024 को 02:32 AM से
दशमी तिथि समाप्त- 17 जून 2024 को 04:43 AM तक
शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: 04:03 से 04:43 तक
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:54 से दोपहर 12:50 तक
विजय मुहूर्त- दोहपर 02:42 से दोपहर 03:37 तक
गोधूलि मुहूर्त- दोपहर 07:20 से दोपहर 07:40 तक
सायाह्न सन्ध्या- दोपहर 07:21 से दोपहर 08:21 तक
सर्वार्थ सिद्धि योग- प्रात: 05:23 से सुबह 11:13 तक
अमृत सिद्धि योग- प्रात: 05:23 से सुबह 11:13 तक
रवि योग- पूरे दिन
गंगा स्नान : गंगा नदी में स्नान करने से 10 तरह के पापों (3 कायिक, 4 वाचिक और 3 मानसिक) से मुक्ति मिलती है। हरिद्वार, ऋषिकेश, इलाहबाद (प्रयाग) और वाराणसी में गंगा स्नान करने का खास महत्व है। इस दिन प्रातःकाल सूरज उगने से पूर्व गंगा स्नान करने का खास महत्व होता है। इस दिन गंगा माता का पूजन करके उनकी आरती की जाती है। कहा जाता है कि गंगा नदी में स्नान करने से दस पापों का हरण होकर अंत में मुक्ति मिलती है। गंगा दशहरा पर्व पर मां गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं। गंगा जल को पीने से प्राणवायु बढ़ती है। इसीलिए गंगा जल का आचमन किया जाता है।
गंगा स्ना, गंगा ध्यान, नाम स्मरण, मंत्र उच्चारण, आचमन एवं स्नान से प्राणी काम, क्रोध, लोभ, मोह, मत्सर, ईर्ष्या, ब्रह्महत्या, छल, कपट, परनिंदा जैसे पापों से मुक्त हो जाता है। गंगा दशहरा के दिन भक्तों को मां गंगा की पूजा-अर्चना के साथ दान-पुण्य भी करना चाहिए।
दान पुण्य : गंगा दशहरा के दिन सत्तू, मटका और हाथ का पंखा दान करने से दोगुना फल की प्राप्ति होती है। इस दिन निवेश, संपत्ति, वाहन आदि खरीदने का मुहूर्त माना जाता है। नए घर में प्रवेश करने के लिए यह अत्यंत शुभ दिन माना जाता है। गंगा दशहरा के 10 दान : जल, अन्न, फल, वस्त्र, पूजन व सुहाग सामग्री, घी, नमक, तेल, शकर और स्वर्ण।