Farmer Protest : सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सार्वजनिक रास्तों को बंद नहीं किया जाना चाहिए...
नई दिल्ली। प्रदर्शनकारी किसानों के रास्ता बंद करने के कारण दिल्ली जाने में हो रही दिक्कत को लेकर नोएडा की रहने वाली एक महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा, सार्वजनिक सड़कों को बंद नहीं किया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और हेमंत गुप्ता की पीठ ने याचिका पर दिल्ली पुलिस आयुक्त के जवाब पर संज्ञान लिया और कहा कि सही निर्णय के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकारों को भी पक्षकार बनाए जाने की जरूरत है।
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के प्रदर्शन का संदर्भ दिए बगैर पीठ ने कहा, हमें इससे मतलब नहीं है कि आप इसका हल कैसे करते हैं, राजनीतिक रूप से, प्रशासनिक रूप से या न्यायिक रूप से, लेकिन हम पहले भी कह चुके हैं कि सड़कों को बंद नहीं किया जाना चाहिए। वह (याचिकाकर्ता) अकेले अपने बच्चे की देखभाल करती हैं और सड़क बंद होने के कारण उन्हें कई मुश्किलों को सामना करना पड़ता है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, सार्वजनिक सड़कों को बाधित नहीं किया जाना चाहिए और शीर्ष अदालत के पूर्व के आदेशों में यह बार-बार कहा जा चुका है। पीठ शुक्रवार को मोनिका अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिनका आरोप था कि नोएडा से दिल्ली के उनके सफर में रास्ता बाधित होने की वजह से सामान्य तौर पर लगने वाले 20 मिनट की जगह दो घंटे का वक्त लग रहा है।
दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली पुलिस के अलावा उत्तर प्रदेश और हरियाणा को भी पक्षकार बनाया जाना चाहिए और उनके वकीलों को भी सुनवाई में पेश होना चाहिए।
इस पर अदालत ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा को भी पक्षकार बना दिया।अदालत ने इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख अब 19 अप्रैल को तय की है।(भाषा)