किसान आंदोलन से जुड़ी 'टूलकिट' के पीछे था खतरनाक मंसूबा, कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा
नई दिल्ली। किसान आंदोलन से जुड़ी टूलकिट के मामले में दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा कि यह महज एक टूलकिट नहीं था, इसके पीछे असली मंसूबा भारत को बदनाम करना और यहां अशांति पैदा करना था।
पुलिस ने दिशा रवि की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत से कहा कि दिशा रवि ने व्हाट्सऐप पर हुई बातचीत मिटा दी। वह कानूनी कार्रवाई से पूरी तरह अवगत थी। इससे जाहिर होता है कि टूलकिट के पीछे नापाक मंसूबा था।
पुलिस ने कहा कि दिशा रवि भारत को बदनाम करने, किसानों के प्रदर्शन की आड़ में अशांति पैदा करने की वैश्विक साजिश के भारतीय चैप्टर का हिस्सा थीं। पुलिस के मुताबिक दिशा रवि टूलकिट तैयार करने और उसे साझा करने को लेकर खालिस्तान समर्थकों के संपर्क में थी।
दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि एक प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस ने 11 जनवरी को इंडिया गेट और लालकिले पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को इनाम देने की घोषणा की थी। ये संगठन कनाडा से संचालित था और चाहता था कि कोई व्यक्ति इंडिया गेट और लाल किले पर झंडा फहराए।
इससे पहले 19 फरवरी को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दिशा को 3 दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया था।