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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : गुरुवार, 28 जनवरी 2021 (14:18 IST)

FIR और लुकआउट नोटिस के बाद भी नरम नहीं पड़े किसान नेताओं के तेवर, आंदोलन को और तेज करने का किया ऐलान

FIR और लुकआउट नोटिस के बाद भी नरम नहीं पड़े किसान नेताओं के तेवर, आंदोलन को और तेज करने का किया ऐलान - Farmers leaders attitude not softened even after FIR and Lookout notice
दिल्ली हिंसा के बाद अब पुलिस ने किसान नेताओं पर शिंकजा कसना शुरु कर दिया है। पुलिस ने हिंसा को लेकर बड़े किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद अब शिकंजा कसते हुए लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। इसके साथ ही पुलिस ने किसान नेताओं को नोटिस जारी कर उनसे तीन दिन में जवाब मांगा है।
दूसरी और किसान नेता अब भी आंदोलन पर अड़े है। संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल सभी  किसान नेताओं ने एक सुर में एलान कर दिया है कि किसान आंदोलन जैसे चल रहा था वैसा ही आगे चलता रहेगा। गाजीपुर बॉर्डर पर हिंसा के आरोपी बनाए गए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान एफआईआर और केस से डरने वाला नहीं है और सरकार को किसी गलतफहमी में नहीं आना चाहिए। 
राकेश टिकैत ने कहा कि गाजीपुर बॉर्डर में पुलिस ने जानबूझकर ट्रैक्टर परेड को रोकने की कोशिश की और पहले से बात होने के बाद भी अनुमति नहीं दी। वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि लाल किले में पुलिस ने जानबूझकर उपद्रवियों को जाने दिया गया और उपद्रवी उत्पात करते रहे और पुलिस पूरी तरह खमोश बैठी रही है।  
 
पुलिस के एफआईआर दर्ज करने पर राकेश टिकैत ने कहा कि वह एफआईआर से डरने वाले नहीं है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार को किसी भी प्रकार की गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए क्यों कि किसान अब भी मोर्चो पर ही डटे हुए है।
हिंसा किसान आंदोलन के खिलाफ षड़यंत्र-वहीं राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा ‘कक्का’ जी कहा कि किसान आंदोलन के खिलाफ एक षंड़यत्र किया गया है। एक सुनियोजित योजना बनाकर जानबूझकर हिंसा कराई गई और समय आने पर इस पूरी योजना का पूरा पर्दाफाश करेंगे। उन्होंने कहा कि उत्पात करने वाले किसान संगठन के नेताओं पर पुलिस ने मेहरबानी की और उनको जानबूझकर हमारे डेरे के सामने बसाया गया।

शिवकुमार शर्मा ने कहा कि लालकिले पर तिरंगे के अपमान की गलत और भ्रामक खबरें जानबूझकर फैलाई गई। किसान आंदोलन में तिरंगे को किसी भी प्रकार की आंच न तो आने दी गई और न आगे दी जाएगी। चूंकि हमने आंदोलन का कॉल किया था इसलिए हम आंदोलन को लेकर माफ मांग रहे है।
वहीं स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने पुलिस के एफआईआर दर्ज करने पर कहा किसान इन सबसे डरने वाला नहीं है। जब कोई आंदोलन शुरु होता तो उसमें शामिल लोगों को एफआईआर  और जेल का पता होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि लालकिले में एक संगठन विशेष के लोगों को पुलिस ने जानूझकर जाने दिया।