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Last Updated : सोमवार, 5 अप्रैल 2021 (06:59 IST)

क्या दिल्ली में प्रदर्शन स्थल छोड़कर जा रहे हैं किसान?

क्या दिल्ली में प्रदर्शन स्थल छोड़कर जा रहे हैं किसान? - Farmer protest, Rakesh Tikait Agricultural Law delhi
अहमदाबाद। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने इन दावों को रविवार को खारिज किया कि किसान दिल्ली की सीमा पर स्थित प्रदर्शन स्थल छोड़कर चले गए हैं। टिकैत ने कहा कि किसान खेतों में काम करने के लिए गए हैं और जब केंद्र सरकार ‘पश्चिम बंगाल चुनाव से मुक्त हो जाएगी तो वे लौट आएंगे।’
 
केंद्र के कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। इन किसानों में मुख्यतौर पर पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तरप्रदेश और राजस्थान के किसान हैं। प्रदर्शनकारी किसान अपनी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी के साथ ही तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
 
टिकैत आंदोलन के लिए समर्थन जुटाने के वास्ते गुजरात पहुंचे हैं और उन्होंने राज्य का अपना दो दिवसीय दौरा बनासकांठा जिले में मां अंबाजी मंदिर में मत्था टेकने के साथ शुरू किया। टिकैत ने इसके बाद अंबाजी और पालनपुर में समूहों को संबोधित किया।
 
उन्होंने एक सभा में कहा कि कानून व्यापारियों की मदद करने के लिए बनाए गए हैं, किसानों की मदद करने के लिए नहीं। उन्होंने कहा कि किसानों ने विरोध स्थलों से तब तक नहीं हटने का फैसला किया है जब तब उनकी जीत नहीं हो जाती और यह तब होगी जब उनकी सभी मांगों को स्वीकार कर लिया जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि वे सभी खबरें गलत हैं कि किसानों ने आंदोलन स्थलों को छोड़ दिया है। किसान आते हैं और चले जाते हैं। वर्तमान में, वे अपने खेतों में काम करने गए हैं। हमने उनसे कहा है कि सरकार के (पश्चिम) बंगाल चुनाव से मुक्त होने के बाद वे वापस आ जाएं। पूरी सरकार बंगाल में डेरा डाले हुए है। एक बार सरकार वापस आ जाएगी, तो हम उसके साथ बातचीत शुरू करेंगे।
 
उन्होंने कहा कि गुजरात के किसानों को भी बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन में शामिल होना चाहिए ताकि देश को विश्वास हो कि उस राज्य के किसान भी नए कानूनों के खिलाफ हैं, जहां से बड़े नेता आते हैं। उनका इशारा परोक्ष तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर था।
 
टिकैत ने गुजरात के किसानों को विरोध प्रदर्शन के लिए ट्रैक्टरों का उपयोग करने की सलाह देते हुए कहा कि ये वाहन ‘किसानों के टैंक’ हैं और दिल्ली में पुलिस बैरिकेड हटाने के लिए इनका अच्छा उपयोग किया गया था।
 
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला टिकैत की अंबाजी से पालनपुर की रैली में उनके साथ थे। वहीं, इससे पहले कांग्रेस विधायक गेनीबेन ठाकोर ने बीकेयू नेता का तब स्वागत किया जब उन्होंने दिन में राज्य में प्रवेश किया।
 
टिकैत से जब पूछा गया कि क्या वे कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट लेकर आए हैं, जो गुजरात में यात्रा करने के लिए रखना अनिवार्य है, तो उन्होंने हां में जवाब दिया और कहा कि मेरे पास सभी दस्तावेज हैं। यह मेरा पासपोर्ट है, यदि गुजरात में प्रवेश करने के लिए इसकी आवश्यकता हो। टिकैत साबरमती आश्रम जाएंगे और गुजरात के अपने दौरे के दूसरे दिन बारडोली जाएंगे। (भाषा)
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