कृषि कानूनों को वापस लेने के निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया में दुबे ने कहा कि केंद्र सरकार अपने कानून वापसी की घोषणा को संवैधानिक रूप देने के लिए देश की संसद में इस कानून को संसद से पास कराकर कानून वापसी की घोषणा करे और साथ ही आंदोलन कर रहे किसानों को, खालिस्तानी आतंकवादी और विभिन्न अपमानजनक टिप्पणियों के लिए देश के किसानों से सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगे।
उन्होंने कहा कि 700 किसानों की शहादत और पिछले 11 महीनों से किसानों द्वारा जाड़ा, गर्मी व बरसात की परवाह किए बगैर खुले आसमान के नीचे किए जा रहे संघर्ष व राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह और लाखों लोकदल के कार्यकर्ताओं के संघर्ष के बाद केंद्र की तानाशाही व हठी सरकार ने दबाव में यह कानून वापस लिया है।