राजनेता और पेशे से वकील कपिल सिब्बल वर्तमान केंद्र सरकार में कानून और न्याय मंत्री तथा संचार एवं आईटी मंत्री हैं। कपिल सिब्बल का जन्म 9 अगस्त 1948 को पंजाब के जालंधर में हुआ था।
चंडीगढ़ से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त कर उन्होंने सेंट स्टीफन कॉलेज और दिल्ली विश्वविद्यालय में नमांकन करा लिया, जहां उन्होंने अपनी स्नातकोत्तर और एलएलबी की पढ़ाई पूरी की।
1970 में वे बार एसोसिएशन ज्वॉइन कर लिया। कपिल सिब्बल ने आईएएस की परीक्षा पास कर ली थी और उन्हें अधिकारी के रूप में ज्वॉइन कराया जा रहा था, मगर उन्होंने अपनी कानूनी प्रैक्टिस को जारी रखा।
1975 में उन्होंने एलएलएम की पढ़ाई के लिए हॉवर्ड कानून स्कूल में दाखिला ले लिया। 1983 में वे वरिष्ठ वकील के रूप में पहचाने जाने लगे। 1989 में कपिल सिब्बल भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त हुए।
1994 में वे पहली बार वकील के रूप में संसद में आए और सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप महाभियोग की कार्यवाही पर जोरदार बहस की थी। वे तीन बार सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
2004 के आम चुनाव में कपिल सिब्बल दिल्ली के चांदनी चौक से पहली बार सांसद बने और मनमोहन सिंह सरकार में विज्ञान, तकनीकी और अर्थ विज्ञान मंत्री बने।
2009 में वे एक बार फिर चांदनी चौक से चुनाव जीतकर ह्युमेन रिसोर्स डेवलपमेंट विभाग के मंत्री बने। इसी दौरान उन्होंने सभी प्राथमिक स्कूलों के सभी विद्यार्थियों को 2300 और 2900 रुपए में टेबलेट देने की घोषणा की।
कपिल सिब्बल 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले, वोडाफोन टैक्स स्कैंडल, इंटरनेट सेंसरशिप तथा स्वामी अग्निवेश के ऊपर बयान को लेकर हमेशा ही विवादों में रहे और बाद में अन्ना हजारे तथा बाबा रामदेव के आंदोलन के समय भी काफी चर्चा में रहे।