हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल और मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की पूर्व अध्यक्ष उर्मिला सिंह बहुत ही शांत स्वभाव की मानी जाती हैं। उनका जन्म चंडीगढ़ राज्य के रायपुर के फिंगेश्ावर गांव में 6 अगस्त 1946 को हुआ। उनके पिता राजा नटवर सिंह एक स्वतंत्रता सेनानी थे। उर्मिला के परिवार के कुछ और सदस्य अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में किसी न किसी पद पर हैं। उन्होंने चंड़ीगढ़ से ही बीए और एलएलबी की उपाधि प्राप्त की।
उर्मिला की शादी छोटी उम्र में ही चंडीगढ़ राज्य के राजकुमार बिरेन्द्र बहादुर सिंह से हो गई। उनके एक पुत्री और दो पुत्र हैं। उर्मिला ने अपने आपको परिवारिक कार्यों में लगा दिया। बिरेन्द्र कुमार कांग्रेस पार्टी के सदस्य बन गए और अपने परिवार की पुरानी सीट से चुनाव जीतकर मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य बने। कुछ सालों बाद बिरेन्द्र बहादुर की अचानक मौत हो जाने के कारण उर्मिला राजनीति में आ गईं।
उर्मिला ने अपने पति की चुनावी सीट घौनसोर से ही चुनाव लड़ना शुरू किया। वे 1983 से 2003 तक लगातार चुनाव जीतकर मध्यप्रदेश विधानसभा की सदस्य बनीं। इससे पहले उन्होंने 1996 में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी। 1993 की राज्य सरकार में फाइनेंस एंड डेयरी डेवलॉपमेंट मंत्री बनीं। 1996 में इन्हें मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
1998 में राज्य में कांग्रेस की सरकार में उर्मिला सोशियल वेलफेयर एंड ट्रायबल वेलफेयर विभाग की मंत्री बनीं। 2001 में मध्यप्रदेश के बंटवारे के बाद वे चंड़ीगढ़ चली गईं और उनका संसदीय क्षेत्र व विधानसभा सीट भी नए राज्य में चली गई। इसके बाद उर्मिला चंडीगढ़ राज्य की पहली विधानसभा की सदस्य बनीं।
2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी मध्यप्रदेश और चंडीगढ़ में बुरी तरह हारी जिसमें उर्मिला की हार भी शामिल थी। 2008 के विधानसभा चुनाव में भी उर्मिला हार गईं। उर्मिला इसके बाद मध्यप्रदेश्ा तथा चंडीगढ़ राज्य के कई विश्वविद्यालयों की कुलपति बनीं।
कांग्रेस पार्टी ने उर्मिला को पार्टी में अहम योगदान देने के लिए उन्हें केंद्र सरकार में शामिल करते हुए 2010 में हिमाचल राज्य का राज्यपाल नियुक्त कर दिया। उर्मिला ने 25 जनवरी 2010 को राज्यपाल का पद संभाला।