सोनिया गांधी 15वीं लोकसभा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की प्रमुख हैं। वे 14वीं लोकसभा में भी यूपीए की अध्यक्ष थीं। वे रायबरेली (उत्तरप्रदेश) से सांसद हैं।
सोनिया का जन्म 9 दिसंबर 1946 को वैनेतो (इटली) क्षेत्र में विसेन्जा से 20 किमी दूर स्थित एक छोटे से गांव लुसियाना में हुआ था। उनके पिता स्टेफिनो मायनो एक सिपाही थे जिनका निधन 1983 में हुआ। उनकी माता पाओलो मायनो हैं।
1964 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में बेल शैक्षणिक निधि के भाषा विद्यालय में उनकी मुलाकात राजीव गांधी से हुई, जो उस समय ट्रिनिटी विद्यालय कैम्ब्रिज में पढ़ते थे। 1968 में दोनों का विवाह हुआ जिसके बाद वे भारत में रहने लगीं।
राजीव गांधी के साथ विवाह होने के काफी समय बाद उन्होंने 1983 में भारतीय नागरिकता स्वीकार की। उनकी दो संतानें हैं- एक पुत्र राहुल गांधी और एक पुत्री प्रियंका वाड्रा।
पति की हत्या होने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया से पूछे बिना उन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा कर दी, परंतु सोनिया ने इसे स्वीकार नहीं किया और कभी भी राजनीति में नहीं आने की कसम खाई थी।
कांग्रेस नेताओं के दबाव में सोनिया गांधी ने 1997 में कोलकाता के प्लेनरी सेशन में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की। राजनीति में कदम रखने के बाद उनका विदेश में जन्म होने का मुद्दा उठाया गया। उनकी कमजोर हिन्दी को भी मुद्दा बनाया गया।
सोनिया गांधी अक्टूबर 1999 में बेल्लारी (कर्नाटक) से और अपने दिवंगत पति के निर्वाचन क्षेत्र अमेठी (उत्तरप्रदेश) से लोकसभा के लिए चुनाव लड़ीं और करीब 3 लाख वोटों की विशाल बढ़त से विजयी हुईं और 13वीं लोकसभा में वे विपक्ष की नेता चुनी गईं।
2004 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने विपक्ष के कड़े विरोध के बाद मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया। सब नेताओं ने मनमोहन सिंह का समर्थन किया और सोनिया दल तथा गठबंधन की अध्यक्ष बन गईं।
राष्ट्रीय सुझाव समिति का अध्यक्ष होने के कारण सोनिया गांधी पर लाभ के पद पर होने के साथ लोकसभा का सदस्य होने का आरोप लगा जिसके कारण 23 मार्च 2006 को उन्होंने राष्ट्रीय सुझाव समिति के अध्यक्ष पद और लोकसभा की सदस्यता दोनों से त्यागपत्र दे दिया।
मई 2006 में वे रायबरेली (उत्तरप्रदेश) से पुन: सांसद चुनी गईं। 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने फिर यूपीए के लिए देश की जनता से वोट मांगा और एक बार फिर यूपीए ने जीत हासिल की और सोनिया यूपीए की अध्यक्ष चुनी गईं।
महात्मा गांधी की वर्षगांठ के दिन 2 अक्टूबर 2007 को सोनिया गांधी ने संयुक्त राष्ट्र संघ को संबोधित किया।