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Written By WD
Last Modified: गुरुवार, 19 सितम्बर 2013 (11:42 IST)

तारिक अनवर : प्रोफाइल

तारिक अनवर : प्रोफाइल -
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राष्‍ट्रीय कांग्रेस पार्टी के जनरल सेक्रेटरी और संसद में राज्‍यसभा सदस्‍य तारिक अनवर का जन्‍म 16 जनवरी 1951 को पटना में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा पटना में हुई। इसके बाद उन्होंने पटना कॉमर्स कॉलेज से बीएससी की डिग्री प्राप्‍त की।

इसके बाद उन्होंने बोधगया के मगध विश्‍वविद्यालय से राजनीति में एमए की उपाधि प्राप्‍त की। कॉलेज के दिनों से ही तारिक अनवर ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्‍होंने इस दौरान कांग्रेस छात्र संघ का दामन थाम रखा था।

तारिक अनवर ने राजनीति में पूर्ण रूप से आने से पहले कुछ समय तक पटना में ही पत्रकारिता की। उन्‍होंने 1972 में पटना से 'छात्र' नामक हिन्‍दी में टैब्लॉयड साप्‍ताहिक समाचार-पत्र शुरू किया। 1974 में वे 'युवक धारा' व साप्‍ताहिक टैब्लॉयड पत्रिका 'पटना' के संपादक बने। बाद में यह पत्रिका 1982 में दिल्‍ली से 'फोर्थनाइटली' पत्रिका के रूप में छपने लगी।

1986 में वे 'तानजीन टाइम्‍स' मंथली पत्रिका के संपादक बने, जो दिल्‍ली से छपती थी। 1988 में हिन्‍दी में पटना से प्रकाशित मंथली 'सदाकत वानी' के मुख्‍य संपादक, 2001 में दिल्ली से हिन्‍दी में प्रकाशित 'फोर्थनाइटली' पत्रिका 'राष्‍ट्रवादी संकल्‍प' के एडिटर-इन-चीफ बने।

तारिक ने अपने राजनीति की पूर्ण शिक्षा सीताराम केसरी से प्राप्‍त की और अपने पूर्ण राजनीतिक करियर की शुरुआत 1977 के लोकसभा चुनाव से की जिसमें उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर कटिहार से चुनाव लड़ा लेकिन वे हार गए। लेकिन इसके बाद 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में जीत गए।

1985 में हुए 8वीं लोकसभा चुनाव में वे एक बार फिर से जीत गए। इसके बाद वे ऑल इंडिया युथ कांग्रेस के अध्‍यक्ष बने। 1988 में वे ऑल इंडिया कांग्रेस सेवादल के चेयरमैन बने। 1989 में वे बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्‍यक्ष बने और 1993 में एआईसीसी मॉनिटरिंग सेल के चेयरमैन बने।

1996 में वे तीसरी बार लोकसभा के लिए चुन लिए गए और कांग्रेस अध्‍यक्ष के राजनीतिक सचिव बने। 1997 में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्‍य चुन लिए गए। 1998 में वे एक बार फिर लोकसभा का चुनाव जीतकर बिहार राज्‍य 20 प्‍वॉइंट इंप्‍लीमेन्टेशन कमेटी के कार्यकारी चेयरमैन बने और 1999 में राष्‍ट्रीय कांग्रेस पार्टी के जनरल सेक्रेटरी चुन लिए गए।

2004 के लोकसभा चुनाव में वे एक बार फिर से चुनाव जीतकर मनमोहन सिंह सरकार में कृषि और फूड प्रोसेसिंग इंडस्‍ट्रीज के राज्‍यमंत्री बने।