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Written By WD
Last Modified: गुरुवार, 26 सितम्बर 2013 (12:57 IST)

एसएम कृष्‍णा : प्रोफाइल

एसएम कृष्‍णा : प्रोफाइल -
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कर्नाटक के पूर्व मुख्‍यमंत्री और महाराष्‍ट्र के पूर्व राज्‍यपाल सोमनहाल्‍ली माल्‍लाईह कृष्‍णा (एसएम कृष्‍णा) का जन्‍म 1 मई 1932 को मैसूर के मांड्या जिले के सोमनहाल्‍ली में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा मैसूर से हुई। उन्‍होंने मैसूर के महाराज कॉलेज से स्‍नातक की उपा‍धि प्राप्‍त की। उसके बाद वे शासकीय लॉ महाविद्यालय बेंगलुरु (विश्‍वविद्यालय लॉ कॉलेज) से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की।

कृष्‍णा भारत से पढ़ने के बाद यूएस जाकर टेक्‍सास के साउथेन मॉडलिस्‍ट विश्‍वविद्यालय से स्‍नातक, वॉशिंगटन डीसी के वॉशिंगटन विश्‍वविद्यालय से लॉ की पढ़ाई की। कृष्‍णा इस विश्‍वविद्यालय के फुलब्राइट स्कॉलर रहे हैं।

अपनी विदेशी पढ़ाई खत्‍म कर वे भारत आ गए और कर्नाटक उच्‍च न्‍यायालय तथा दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय में अपनी लॉ की प्रैक्टिस करने लगे। इसके कुछ दिनों बाद कृष्‍णा राजनीति में आए और कांग्रेस के सदस्‍य बन गए।

1962 वे पहली बार मांड्या जिले से कर्नाटक विधानसभा के लिए चुने गए। कृष्‍णा ने 1968 से लगातार 4थी, 5वीं, 7वीं तथा 8वीं बार मांड्या लोकसभा सीट से जीतकर राज्‍य का प्रतिनिधित्‍व किया। वे इंदिरा गांधी के समय कैबिनेट मंत्री और राजीव गांधी के शासनकाल में उद्योग एवं वित्‍त मंत्रालय के राज्‍यमंत्री बने। 1996 तथा 2006 में वे राज्‍यसभा के सदस्‍य बने।

इससे पहले कृष्‍णा 1989 में कर्नाटक विधानसभा के अध्‍यक्ष और उपमुख्‍यमंत्री बने। 1999 में वे कर्नाटक कांग्रेस कमेटी के अध्‍यक्ष बने और उनके नेतृत्‍व में कांग्रेस ने विधानसभा का चुनाव जीता जिसके बाद वे राज्‍य के मुख्‍यमंत्री बने।

कुछ सालों बाद वे महाराष्‍ट्र के राज्‍यपाल बने। 2008 में वे राज्‍यपाल पद से इस्‍तीफा देकर कर्नाटक की राजनीति में सक्रिय हो गए। 2009 में वे राज्‍यसभा के सदस्‍य बने। इसके साथ ही वे मनमोहन सिंह की सरकार में विदेशी मामलों के कैबिनेट मंत्री बने।

26 अक्‍टूबर 2012 को वे अपने मंत्री पद से इस्‍तीफा देकर कर्नाटक राज्‍य की राजनीति में फिर से सक्रिय हो गए हैं।