Nirjala Ekadashi 2023: निर्जला एकादशी व्रत वर्ष 2023 में 31 मई, दिन बुधवार को रखा जाएगा। एकादशी तिथि 30 मई, मंगलवार को रात्रि में 01.07 बजे से प्रारंभ होकर होकर 31 मई, दिन बुधवार को दोपहर 01.45 पर समाप्त होगी। यह एकादशी भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जानी जाती है। आओ जानते हैं कि इस एकादशी में कौनसे कार्य भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
1. इस दिन चावल नहीं खाते हैं। मान्यता है कि चावल खाने वले अगले जन्म में कीड़े मकोड़े के रूप में जन्म लेते हैं।
2. इस दिन नमक नहीं खाना चाहिए। नमक खाने से एकादशी और बृहस्पति का फल नष्ट हो जाता है। इसीलिए इस दिन सात्विक फलाहार ही खाना चाहिए।
3. इस दिन मसूर की दाल, मूली, बैंगन, प्याज, लहसुन, शलजम, गोबी और सेम का सेवन भी नहीं करना चाहिए। निर्जला एकादशी का व्रत कर रहे हैं तो व्रत से एक दिन पहले दशमी के दिन से ही अपने भोजन पर ध्यान न दें। ना तो तामसिक, मांसाहारी भोजन का सेवन करें। साथ ही मदिरा सहित सभी प्रकार के नशे से भी दूर रहें।
4. इस दिन भूलकर भी स्त्री संग प्रसंग नहीं करना चाहिए। मनसा, वाचा और कर्मणा ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
5. एकादशी के दिन तुलसी को जल अर्पित नहीं करना चाहिए और न ही उसे छूना चाहिए। क्योंकि तुलसी माता इस दिन उपवास में रहती है।
6. व्रत से एक रात पहले सोएं ना। पूरी रात भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का अराधना करें।
7. इस दिन व्रत करते समय किसी के प्रति मन में बुरे विचार नहीं रखने चाहिए। चुगली करने से मान-सम्मान में कमी आ सकती है। कई बार अपमान का सामना भी करना पड़ सकता है। इस दिन क्रोध नहीं करना चाहिए। हर तरह के वाद-विवाद से बिल्कुल दूर रहना चाहिए।
8. इस दिन पलंग पर नहीं सोना चाहिए। भूमि पर ही आराम करना चाहिए।
9. एकादशी के दिन पान नहीं खाना चाहिए क्योंकि न खाने से मन में रजोगुण की प्रवृत्ति बढ़ती है।
10. इस दिन झाडू और पोछा नहीं लगाना चाहिए क्योंकि चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की हत्या का दोष लगता है।
11. इस दिन बाल नहीं कटवाना चाहिए। इस दिन लकड़ी का दातुन न करें। नींबू, आम या जामुन के पत्ते चबाकर कुल्ला कर लें और अंगुली से गला साफ कर लें।