मोक्षदा एकादशी कब है, क्या है इसका महत्व, व्रत रखने से क्या होगा?
Mokshada Ekadashi 2022: पुराणों में मोक्षदा एकादशी का बहुत महत्व बताया गया है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष में उत्पन्ना एवं शुक्लपक्ष में मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। गीता जयंती प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस साल गीता जयंती की 5159वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। इसी दिन मोक्षदा एकादशी का व्रत भी रखा जाएगा।
कब है मोक्षदा एकादशी 2022 : मोक्षदा एकादशी अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 3 दिसंबर 2022 शनिवार को रहेगी।
क्या महत्व है इस एकादशी का : मान्यता है कि इस एकादशक्ष का विधिवत व्रत रखने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यानी उन्हें सभी तरह के बंधनों से मुक्ति मिलती है। इसके व्रत से मनुष्य के पापों का नाश हो जाता है। इसी दिन श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का संदेश दिया था इसीलिए इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है।
मोक्षदा एकादशी व्रत का फल :
1. मोक्षदा एकादशी मोक्ष देने वाली होती है। विधिवत इसका व्रत रखने से देवता और पितर तृप्त होते हैं।
2. मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत रखकर गीता पाठ करना या श्रीकृष्ण की आराधना करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है और सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है
मोक्षदा के दिन क्या करें :
1. गीता जयंती के दिन गीता को पढ़ना या सुनना अत्यंत ही शुभ माना जाता है।
2. इस दिन मोक्षदा एकादशी रहती है अत: व्रत करने का बहुत ही महत्व होता है।
3. इस दिन भगवान कृष्ण की आराधना और पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं।
4. गीता जयंती के दिन मंदिरों में भी गीता का पाठ किया जाता है। आप चाहें तो वहां जाकर भी गीता सुन सकते हैं।
5. इस दिन गीता पाठ करने और मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है।
6. इस दिन श्रीमद् भागवत गीता, भगवान श्रीकृष्ण और महर्षि वेद व्यास का विधिपूर्वक पूजन करने से सभी तरह के संकटों से छुटकारा मिलता है।